इलाहाबाद। जनपद इलाहाबाद के नवाबगंज थाना क्षेत्र में 24 अप्रैल को एक ही
परिवार के चार सदस्यों की हत्या व दुष्कर्मकांड का खुलासा सोमवार को नवाबगज
पुलिस, क्राइम ब्रांच और स्वाट पुलिस की सयुंक्त टीम ने खुलासा कर दिया।
पुलिस ने इस हत्याकांड और दुष्कर्म कांड में शामिल शिक्षक समेत चार
आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। उनके कब्जे से घटना में प्रयुक्त
मोटरसाइकिल, चाकू, खून के धब्बे लगे कपड़े बरामद किए हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
नवाबगंज
थाना क्षेत्र के जूड़ापुर गांव में 24 अपै्रल की रात किराना दुकानदार मक्खन
लाल साहू (50) उसकी पत्नी मीरा देवी (44) और दो बेटियों वंदना (18 वर्ष) व
निशा (16 वर्ष) की हत्या कर दी गई थी। हत्यारों ने हत्या से पहले दोनों
बहनो सं दुष्कर्म भी किया था। इस हत्याकांड के बाद लोगों ने काफी आक्रोश था
और कई प्रदर्शन किए गए थे। इस मामले में मृतक मक्खन के बेटे रंजीत की
तहरीर पर पुलिस ने गांव के ही जवाहर लाल यादव के बेटे शिवबाबू व भल्लू और
नरेन्द्र यादव, बांके यादव व नवीन यादव के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म, हत्या व
पाक्सों एक्ट समेत कई धाराओं में रिपोर्ट दर्ज पांचों को गिरफ्तार कर लिया
था। लेकिन जांच में सामने आया कि इनमें से कोई थी हत्या व दुष्कर्म कांड
में शामिल नहीं था।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने सुरेश राव ए कुलकर्णी
ने बताया कि इस मामले की खुलासे में जुटी नवाबगज पुलिस, क्रांइम ब्रांच,
सर्विलांस और स्वाट की सयुंक्त टीम ने जूडापार हत्याव दुष्कर्म कांड का
सोमवार को खुलासा करते हुए चार आरोपियों नीरज पुत्र गुलाबचंद्र, प्रदीप
कुमार पुत्र हेमराज, मोहित पुत्र अमरेश कुमार निवासीगण लखनपुर कांदू थाना
नवाबगंज और सत्येन्द्र पुत्र राम नरेश निवासी तुलसीपुर थाना सोरांव को
गिरफ्तार कर लिया। जिनकी निशानदेही पर घटना में प्रयक्त मोटरसाइकिल,
आलाकत्ल दो चाकू, खून के धब्बें लगे कपड़े बरामद किए गए।
पुलिस ने
बताया कि इस हत्या व दुष्कर्म कांड का मुख्य सूत्रधार नीरज है। उसने वंदना
से अपनी बेइज्जती का बदला लेने के लिए इस हत्याकांड व दुष्कर्मकांड का
अंजाम दिया था।
पुलिस ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी नीरज मृतका
वंदना के साथ एक कालेज में शिक्षक था। वह उस पर बुरी नजर रखता था। वंदना
अपने घर के पास एक निजी कम्पनी जन कल्याण ट्रस्ट की एजेंट भी थी। वह सजेन्द
के तौर पर लोगों से 1250 रुपये जमा करवा कर साइकिल या सिलाई मशीन कम्पनी
से दिलवाती थी। नीरज ने अपने 06 रिश्तेदारों से उसके पास 7500 रुपए जमा
कराए थे और उसके बदले साईकिल की मांग कर रहा था। लेकिन वंदना लगातार नीरज
को टरकाती रही। जिसके बाद आठ मार्च को उसकी कम्पनी अपना कार्यालय बंद कर
भाग गई। इसको लेकर नीरज की वंदना से लड़ाई हुई और वंदना से उसे अपमानित
करते हुए कम्पनी की साइकिल देने पर ही साइकिल दिलाने की बात कही।
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