अमरीष मनीष शुक्ला ,इलाहाबाद।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा के जवाहर बाग कांड के मामले में तलब
सीबीआई अधिकारियों को खरी खरी सुनाई है। नाराजगी जाहिर करते हुये हाईकोर्ट
ने कहा कि सीबीआई की जांच संतोषजनक नहीं है। अदालत द्वारा जांच बिंदु
बताये जाने के बाद भी सीबीआई भटकी नजर आ रही है। हाईकोर्ट ने स्पष्ट
चेतावनी जारी करते हुये कहा कि इस केस सबसे अहम रामवृक्ष यादव है। लेकिन
रामवृक्ष यादव और उसके परिवार के सदस्यों की डीएनए जांच की रिपोर्ट अभी तक
नहीं। सीबीआई हर हाल में 21 दिनों के अंदर डीएनए जांच की रिपोर्ट फाइल
करे।
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सीबीआई देती रही सफाई
यह तो पहले से सी तय था कि अदालत में तलब हुये सीबीआई अधिकारियों की आज खैर
नहीं है और हुआ भी कुछ उसी तरह । जब उच्च न्यायालय ने सीबीआई अधिकारियों
से जांच स्टेटस, डीएन रिपोर्ट आदि पर सवाल दागे तो दोनों अधिकारी सिर्फ
सफाई देते नजर आये।
सीबीआई की ओर से अदालत को बताया गया है कि लखनऊ में डीएनए टेस्ट के
उपकरण नहीं हैं इसलिए सैंपल दिल्ली भेजा गया है। बता दें कि डीएनए रिपोर्ट
इस मामले में अहम सूत्रधार है। जिससे जांच को नयी दिशा मिलेगी।
7 जुलाई को सबकुछ साफ
डीएनए रिपोर्ट के आने के बाद सीबीएसई अपना होमवर्क भी पूरा करेगी। अदालत ने
7 मई को अगली तिथि मुकर्रर की है। अदालत ने जांच अधिकारियों को भी अगली
सुनवाई पर भी उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। संभावना है कि 7 मई को
मामले में बहुत कुछ साफ हो जायेगा ।
गौरतलब है कि इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायमूर्ति डीबी भोसले और
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पीठ सुनवाई कर रही है। इस मामले में सीबीआई भी
दो अलग- अलग टीमें, अधिकारियों की लापरवाही और सत्ता के करीबी लोगों के
संरक्षण की भी जांच कर रही है। अब 21 दिन के अंदर सीबीआई को जवाहर बाग कांड
के मास्टरमाइंड रामवृक्ष व उसके परिजनों की डीएनए रिपोर्ट प्रेषित करनी
है।
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