अमरीष मनीष शुक्ल, इलाहाबाद। इन्टरनेट की दुनिया में क्रांति लाने वाली रिलायंस जियो को इलाहाबाद
हाईकोर्ट ने तगड़ा झटका दिया है । हाईकोर्ट ने सड़क, फुटपाथ और पटरियों पर
लगाये गये रिलायंस जियो के टावर को सही नहीं माना है और इन्हें हटाने का
आदेश दिया है। एक याचिका पर सुनवाई करते हुये यह उच्च न्यायालय ने यह फैसला
सुनाया है और तीन माह के अंदर टाॅवर हटाने को कहा है। अपने आदेश में कोर्ट
ने यह भी साफ किया कि भविष्य में रिलायंस कंपनी यह ध्यान रखे कि वह सड़क,
फुटपाथ, नाली जैसे सार्वजनिक स्थानों पर टाॅवर न लगाये। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
क्या है मामला
यूपी
के इलाहाबाद में रिलायंस जियो कंपनी के लगभग 44 मोबाइल टावर लगे हुए हैं ।
इनमें कयी टाॅवर सड़क, फुटपाथ, पटरियों पर लगे हैं । इसी बावत इलाहाबाद
हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई और सार्वजनिक उपयोग वाली जगह से टाॅवर
हटाने की मांग की गई। मामले पर मुख्य न्यायमूर्ति डीबी भोसले और
न्यायमूर्ति एमके गुप्ता की डबल बेंच ने सुनवाई शुरू की तो दलीलों में पाया
कि लोगों की सुविधा व उपयोग के लिए बने सड़क और फुटपाथ पर टॉवर लगे है।
याची की ओर से फोटो व अभिलेख साक्ष्य भी उपलब्ध कराये गये और बताया गया कि
नगर निगम ने रिलायंस जियो कंपनी को सड़क, नाली और फुटपाथ जैसे सार्वजनिक
उपयोग वाली जगह पर टॉवर लगाने के लिए 20 साल का पट्टा दिया है। रिलायंस ने
जगह घेर कर 44 स्थानों पर जनरेटर के साथ टावर लगाया है।याचिका पर रिलायंस व
नगर निगम की ओर से दलील दी गई कि कहीं पर अतिक्रमण नहीं हुआ है। इलाहाबाद
हाईकोर्ट ने याची के पक्ष में फैसला सुनाते हुये सार्वजनिक स्थल पर टाॅवर
को सही नहीं माना। न्यायालय ने इलाहाबाद नगर निगम को तीन माह के अंदर
सार्वजनिक स्थल पर लगे टाॅवर हटाने का आदेश दिया है । याची मानवेंद्र सिंह
ने बताया कि 12 टाॅवर अभी हटाये जायेंगे, अगर अन्य टाॅवर सार्वजनिक स्थल से
नहीं हटे तो दुबारा कोर्ट की शरण में जाउंगा।
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