अमरीश मनीष शुक्ल, इलाहाबाद। प्रदेश में पहली बार डीएलएड के नाम से शुरू हुए बीटीसी कोर्स को पहले ही साल मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने डीएलएड (बीटीसी) पाठ्यक्रम 2016-17 का पहला शैक्षिक सत्र शून्य घोषित कर दिया है। इसके पीछे दो कारण है। पहला तो कोर्स की लेट लतीफी यानि सत्र नियमित न होना और दूसरा 30 मई 2016 के बाद मान्यता पाने वाले डीएलएड कॉलेज। पहले कारण के अनुसार पिछले सत्र और मौजूदा सत्र में अजीबो-गरीब तरीके से एक वर्ष का अंतर आ गया है। जिससे कब कक्षा चलेगी। कब कोर्स पूरा होगा। यह तय हो पाना ही मुश्किल है। ऐसे में सत्र के और लंबे होने की संभावना है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वहीं दूसरे कारण के अनुसार 30 मई 2016 के बाद मान्यता पाने वाले डीएलएड कॉलेज में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार दाखिला नहीं हो सकेगा। क्योंकि इससे निर्धारित तिथि का तो उल्लंघन होगा ही। फिर से पाठ्यक्रम अनियमित हो जायेगा। जिससे नये कालेज में 2017-18 में दाखिला हो सकेगा। विभाग के पास भी बीच का यही एक रास्ता था कि सत्र शून्य घोषित कर दिया जाए ताकि तिथि व नियमितीकरण का आदेश पूरा हो सके। अब इसी क्रम में अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा राज प्रताप सिंह द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि यह उच्चतम न्यायालय के दिशा निर्देश के अनुसार किया गया है।
बता दें कि लगभग 6 लाख अभ्यर्थियों ने डीएलएड के लिए आवेदन किया है, जिन्हे अब लेट लतीफी के चलते इस सत्र में लाभ नहीं मिल सकेगा। उल्लेखनीय है कि 2015 -16 सत्र 22 सितम्बर 2016 से शुरू हुआ था और 2016-17 के लिए पिछले 14 जून को ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। जुलाई 2017 से इसकी क्लास शुरू होनी थी। लेकिन अब जुलाई माह भी बीतने को है पर सत्र अधर में लटका है। अगले सत्र में लगभग दोगुनी सीटों पर दाखिला होगा। क्योंकि नये कालेज से सीटें लगभग 2 लाख तक पहुंच जायेंगी।
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