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इलाहाबाद। समाजवादी पार्टी की पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार में हुई भर्तियों की जांच
अब सीबीआई करेगी। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के द्वारा लगभग 20 भर्तियां
की गई हैं और ये सभी भर्तियां जांच के दायरे में हैं। जांच की जद में आने
वाली ये भर्तियां 2012 से 2017 के बीच में हुई है और इन सभी भर्तियों में
धांधली का आरोप है।
गौरतलब है कि अखिलेश सरकार में 1 मार्च 2012 से लेकर
2017 के बीच कई भर्तियां हुए लगभग 20 हजार पद भरे गए हैं। इन्हीं भर्तियों
में धांधली की शिकायत को लेकर कई बार प्रतियोगियों ने प्रदर्शन किया,
शिकायतें की और सड़क पर उतरे। योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद ही
सीबीआई जांच की संस्तुति कर दी गई थी और केंद्र सरकार से आग्रह किया गया था
कि सीबीआई से यूपीपीएससी की भर्तियों की जांच कराई जाए। अब जांच सीबीआई
करेगी तो गड़े मुर्दे उखडेंखे और कुछ बड़े नामों के इसमे सामने आने की पूरी
संभावना है। फिलहाल प्रतियोगी छात्र छात्रों ने इस बाबत खुशियां व्यक्त
करते हुए कहा कि हमारी जीत हुई है और अब सच सामने आएगा। बता दे कि
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति ने भर्ती की गड़बड़ियों को लेकर लंबा आंदोलन
चलाया था और आयोग पर धांधली मनमानी का आरोप लगाते हुये पीएम और राष्ट्रपति
तक आवाज उठाई थी। कई बार मामले में निष्कर्ष की संभावना भी दिखी, लेकिन कभी
वह जांच नहीं बैठी जिसकी उम्मीद छात्र कर रहे थे । हालांकि अब सीबीआई
जांच से भर्तियों में हुई गड़बड़ी और मनमानी का सच सामने आ जाएगा।
सबसे
आश्चर्य की बात यह है कि सपा शासनकाल में लगभग जितनी भी भर्तियां हुई कोर्ट
पहुंची कोर्ट में हर भर्ती विवादित रही और विवादों में भर्तियों का क्रम
आखिरी समय तक जारी रहा। यही कारण था कि योगी सरकार ने सत्ता में आने के बाद
सभी भर्तियों के परिणामों पर रोक लगा दी थी और नई भर्तियां भी बंद कर दी
थी। फिलहाल सीबीआई ने भर्तियों की जांच के लिये सहमति दे दी है और जल्द ही
एफआईआर के साथ आगे की कार्रवाई शुरू होगी।
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