अमरीष मनीष शुक्ल, इलाहाबाद। इलाहाबाद में बेहद ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इलाहाबाद विकास प्राधिकरण ( एडीए) में कार्यरत एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी
को इसलिये पीट दिया गया, क्योंकि ऑफिस में रखी ग्लास गंदी थी। लेकिन हद तो
तब हो गई। जब पता चला कि चपरासी को साहब ने नहीं। बल्कि उनकी पत्नी ने पीटा
है। आहत चपरासी आत्महत्या करने चल पड़ा। तो कर्मचारी नेताओं ने कार्रवाई का
आश्वासन देकर कुछ समय के लिए मामला शांत कराया। मामले में चपरासी ने लिखित
शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। पीड़ित कर्मचारी आकाश ने बताया कि जब से
वह बंगले पर ड्यूटी कर रहा है। वीसी की पत्नी लगातार उत्पीड़न कर रही है।
पहले मौखिक जानकारी भी वीसी साहब को दी थी। लेकिन अब तो हद हो गई है ।
बेइज्जत करने के साथ वह थप्पड़ों से पीटने लगी है।
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इलाहाबाद विकास प्राधिकरण में आकाश कुमार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर
कार्यरत है। इस समय उसकी ड्यूटी, एडीए वीसी भानु चंद्र गोस्वामी के घर पर
लगी है। आकाश ने बताया कि वीसी की पत्नी ने उसे फटकार लगाते हुये एक ग्लास
को दिखाकर कहा कि ये गिलास कितना गंदा है। इस पर मैंने कहा मैडम ग्लास तो
साफ है, लेकिन आप कहती हैं तो मैं फिर से साफ कर देता हूं।
इस पर वीसी की पत्नी भड़क गयी। बोली जुबान लगाते हो और धड़ाधड़ कई थप्पड़ जड़
दिये। इससे आहत आकाश घर पहुंचा और अपनी मां से पूरी बात बताई और बोला मैं
अब आत्महत्या कर लूंगा। बेटे को समझाते हुए मां यूनियन ऑफिस पहुंची और
पूरा किस्सा कह सुनाया। कर्मचारी नेताओं ने पहले तो आकाश को शांत कराया।
कर्मचारी भी इस दुर्व्यवहार से भड़क गए और मामला बिगड़ने लगा।
खबर फैलते ही मीडिया जुटी तो बखेड़ा बढ़ गया। बवाल बढने की भनक लगते ही वीसी
दफ्तर में सुलह समझौते की बैठक होने लगी। वीसी, कर्मचारी नेताओ के संग सुलह
समझौते पर बात करने लगे। आकाश व उसकी मां पर अब लगातार चुप होकर समझौता
करने का दबाव बनाया जा रहा है ।
एडीए के कई कर्मचारियों ने इस घटना के बाद पुराने मामले भी खोल दिये।
बताया गया कि वीसी की पत्नी की दबंगई से हर कोई आजिज आ चुका है। लेकिन
अधिकारी की पत्नी होने के कारण हर कोई खामोश ही रहता है। कर्मचारियों ने
बताया कि , वीसी भानुचंद्र की पत्नी बंगले पर काम करने वाले कर्मचारियों के
साथ ऐसा ही करती है। इसके पहले भी वो कई कर्मचारियों को पीट चुकी है,
लेकिन लोग अपनी नौकरी को बचाने के लिए मुंह नहीं खोलते हैं। लेकिन अबकी बार
आकाश चुप न रहा और कार्यवाई पर अड़ गया है ।
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