अमरीश मनीष शुक्ला, इलाहाबाद। मेडिकल कॉलेजों में निर्धारित फीस के बाद भी अधिकांश कॉलेज छात्र
छात्राओं से अलग से बैंक गारंटी मांगते है, जिसकी वजह से छात्रों व
अभिभावकों को काफी परेशान होना पड़ता है और ढेरों ऐसे मामले है जब बैंक
गारंटी न दे पाने के कारण होनहारों को एडमिशन ही नहीं दिया गया पर अब
कॉलेजों की मनमानी नहीं चलेगी, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई
करते हुए मेडिकल कॉलेजों की इस मनमानी पर रोक लगा दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट
ने कहा है कि मेडिकल कॉलेजों को बैंक गारंटी लेने का हक नहीं है।इलाहाबाद
हाईकोर्ट ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को निर्देश दिया है कि वह कालेजों
के लिए एक गाइडलाइन जारी करें और बैंक गारंटी मांगने वाले कॉलेजों पर
जुर्माना लगाये। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
क्या है मामला
डॉ मुक्ताकर सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में मेडिकल कॉलेज की बैंक गारंटी मांगे जाने के खिलाफ
याचिका
दाखिल की थी, जिसमें कॉलेज में फीस जमा करने के बाद भी मेडिकल छात्र से 31
लाख रुपए से अधिक बैंक गारंटी 1 घंटे में जमा करने की मांग की गई थी। जब
छात्र बैंक गारंटी नहीं दे सका तो उसे एडमिशन नहीं दिया गया। हाईकोर्ट ने
इसे गंभीरता से लेते हुये कालेज पर 5 लाख का हर्जाना ठोका है और छात्र को
तीन महीने के अंदर यह रकम देने को कहा है।
डबल बेंच में हुई सुनवाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट में मामला पहुंचने के बाद यह साफ हो गया था कि कोर्ट बड़ा फैसला सुनायेगी। मेडिकल
कॉलेज द्वारा बैंक गारंटी मांगे जाने को लेकर दाखिल याचिका दाखिल पर
न्यायमूर्ति तरुण अग्रवाल और न्यायमूर्ति अजय भट्ट की खंडपीठ ने सुनवाई
शुरू की। इस दौरान कोर्ट को बताया गया कि मेडिकल छात्र से फीस के अलावा अलग
से बैंक गारंटी के रुपए मांगे जा रहे हैं। घटनाक्रम का जिक्र करते हुए
कोर्ट को बताया गया कि मेडिकल छात्र से 31 लाख रुपये से अधिक बैक गारंटी 1
घंटे में जमा करने को कहा गया और जब छात्र पैसा नहीं जमा कर सका दो से
एडमिशन नहीं दिया गया। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस पूरी प्रक्रिया को बेहद ही
गंभीर विषय माना और बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि फीस के अलावा किसी भी
छात्र से कोई भी कॉलेज अलग से बैंक गारंटी नहीं मांग सकता है, ऐसा कोई
अधिकार कालेज के पास नहीं है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में महानिदेशक
चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण व अन्य अधिकारियों के खिलाफ जांच कर
कार्रवाई का निर्देश दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद अब इस मामले में मेडिकल
काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा नई गाइडलाइन जारी होगी और मेडिकल कॉलेज बैंक
गारंटी नहीं मांग सकेंगे और ऐसा करने पर जुर्माना लगाया जाएगा।
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