अगरतला। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा योजना आयोग को खत्म कर नई नीति के अपनाने से योजना आयोग को लगभग 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। सरकार ने यहां सोमवार रात एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा योजना आयोग को खत्म कर दिए जाने से विभिन्न केंद्रीय सहायता बंद हो गई हैं और केंद्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) के साझा पैटर्न में बदलाव कर दिया गया है, जिससे त्रिपुरा को हर साल लगभग 2,000 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि केंद्र ने सामान्य केंद्र सहायता, विशेष योजना सहायता और विशेष केंद्रीय सहायता के तहत मिलने वाली निधि को रोक दिया है, इसके अलावा कुछ बड़ी योजनाओं को मिलने वाली निधि में 350 से 400 करोड़ तक की कटौती कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आठ पूर्वोत्तर राज्यों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए केंद्रीय बजट में कोई अतिरिक्त धनराशि नहीं आवंटित की गई है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने में त्रिपुरा शीर्ष पर था, लेकिन केंद्र ग्रामीण रोजगार योजना-- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के लिए धनराशि में कटौती कर रहा है, जिसके चलते वर्तमान वित्त वर्ष (2017-18) में राज्य मनरेगा के तहत 100 दिन काम उपलब्ध कराने के बजाय अधिकतम 42 दिन ही काम उपलब्ध करा सकती है।
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