श्रीहरिकोटा। इसरो ने एक बार फिर से कई उपग्रहों का एक साथ प्रक्षेपण कर इतिहास रच दिया है। ज्ञातव्य है कि आज श्रीहरिकोटा से कार्टोसैट 2 शृंखला के सैटेलाइट को लॉन्च किया। यह एक स्वदेशी और 14 अन्य देशों के उपग्रहों को साथ ले गया है। पृथ्वी अवलोकन उपग्रह कार्टोसैट, एनआईयूएसएटी और 14 देशों के 29 विदेशी उपग्रहों को शुक्रवार को कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया। लेटेस्ट रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट की लॉन्चिंग के बाद टेररिस्ट कैंप और दुश्मन के बंकर्स को ढूंढने में और ज्यादा मदद मिलेगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने कार्टोसैट-2 शृंखला के उपग्रह तथा 30 अन्य छोटे उपग्रहों को ले गए ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) सी-38 का सफल प्रक्षेपण किया। पीएसएलवी के साथ भेजे गए उपग्रहों में से मुख्य उपग्रह कार्टोसैट-2 शृंखला का पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है, जिसका वजन 712 किलोग्राम है।
यह कार्टोसैट शृंखला-2 के पूर्व के अन्य उपग्रहों के समान ही है और यह पांच साल तक काम करेगा। पीएसएलवी के साथ भेजे गए 30 छोटे उपग्रहों का कुल वजन 243 किलोग्राम है। इनमें 29 विदेशी उपग्रह 14 विभिन्न देशों आस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्रिटेन, चिली, चेक गणराज्य, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, लातविया, लिथुआनिया, स्लोवाकिया और अमेरिका के हैं व एक उपग्रह भारत का है। पूरे लॉन्च मिशन में करीब 23 मिनट का समय लगा।
काटरेसैट-2 शृंखला के उपग्रह में उन्नत श्रेणी के कैमरे लगे हैं, जो शहरी व ग्रामीण नियोजन, तटीय भूमि के उपयोग, सडक़ नेटवर्क की निगरानी आदि के लिए महत्वपूर्ण आंकड़े उपलब्ध कराएंगे। पीएसएलवी के साथ भेजे गए 30 छोटे उपग्रहों में भारत का एक उपग्रहण एनआईयूएसएटी भी है।
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