जयपुर/उदयपुर। महिला सशक्तीकरण के इस दौर में जहां अपनी प्रतिभा से नारी ने हर क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है, वहीं आधुनिक कृषि के क्षेत्र में भी वे पीछे नहीं हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण देखने को मिला गुरुवार को महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय में चल रहे ग्राम 2017 में । यहां चित्तौड़ जिले से ब्लॉक बेगूं के चेची गांव से पहुंची ‘कृषि सखियों’ ने कृषि के नवाचारों को अपनाते हुए प्रगतिशील किसान के रूप में पहचान बनाई है। समूह की संगीता शर्मा ने बताया कि उनके समूह की सभी ‘कृषि सखियां’ ग्राम उदयपुर में आधुनिक कृषि की नवीनतम तकनीकों को सीखने के उद्देश्य से आईं, जिससे कि वे अपनी खेती में इनका प्रयोग कर सकें।
उन्होंने बताया कि राजीविका के माध्यम से उनके क्लस्टर गोविंदपुरा में बीस कृषि सखी समूह बनाए गए। इनमें कृषि सखियों ने एक-एक बीघा में जैविक खेती के आधार पर एक साथ गेहूं की फसल लेने और उपज को एक साथ एक ही भाव पर बेचने की प्रक्रिया को अपनाया है। अब वे समूहों को बढ़ाकर अन्य महिलाओं को जोड़ रहे हैं।
संगीता ने बताया कि वे अपनी 13 कृषि सखियों के साथ ग्राम में आईं, जिससे वे खेती की आधुनिकतम उपकरणों की जानकारी ले सकीं। अब वे उन तकनीकों को अपनाकर अपने समूह की आय को और अधिक बढ़ा सकेंगी। ग्राम में आकर उन्हें न केवल कृषि की नई तकनीकों की जानकारी मिली, वरन खेती के दौरान आने वाली कई समस्याओं का समाधान भी मिला है। हमारा समूह बहुत उत्साहित है और अब हमें उम्मीद है कि यहां मिली जानकारियों का प्रयोग अपनी खेती में करेगा।
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