उदयपुर। स्ट्रोबेरी का नाम सुनते ही मुंह में पानी आना स्वाभाविक है
लेकिन चित्त को आकर्षित करने वाला यह रसीला फल समाज के उच्च वर्ग तक सीमित
होकर रह गया है। स्ट्रोबेरी को सामान्य एवं मध्यम वर्ग की पहुंच में लाने
के लिए उदयपुर सम्भाग के चित्तौड़गढ़ जिले के प्रगतिशील कृषक, जगदीश
प्रजापत विगत 6 वर्षाें से प्रयासरत है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
निम्बाहेड़ा
तहसील की ग्राम पंचायत बांगरेड़ा-मामादेव में जगदीश पुत्र मांगीलाल
प्रजापत ने कुछ नया करने की ठानी। आरंभ में उन्होंने लगभग 10 बीघा जमीन में
स्ट्रोबेरी के पौधे रोपे। स्थानीय जलवायु और मिट्टी-पानी पौधों को रास आ
गई तो उनका आत्म विश्वास भी बढ़ गया। शुरूआती दौर में हुई गलतियों से सबक
लेते हुए प्रजापत प्रतिवर्ष 6 से 7 बीघा जमीन में स्ट्रोबेरी की खेती
कर रहे हैं। बांगरेड़ा मामादेव जैसे छोटे से गांव में पैदा हुई स्ट्रोबेरी
ना केवल जयपुर वरन दिल्ली, अहमदाबाद जैसे महानगरों तक जा रही है।
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