जयपुर। उदयपुर स्थित महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय परिसर में
गुरुवार को उत्सवी माहौल में ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट,
2017 का समापन हुआ। गुरूवार को तीसरे दिन भी संभाग भर से महिला एवं पुरुष
काश्तकार पहुंचे और उन्होंने यहां प्रदर्शित विविध स्टॉलों पर जानकारी लेते हुए
मेले सा आनंद लिया। इस दौरान युवतियों और किशोरियों ने
सेल्फी भी ली। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कार्यक्रम के दौरान जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल मंत्री सुरेन्द्र गोयल ने कहा कि बदलते माहौल में कृषि की तकनीक में नवाचार करने की खासी जरूरत है। राज्य के किसानों को कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए नवीनतम तकनीकों को भी जानना चाहिए। ‘ग्राम’ इन्हीं तकनीकों से किसानों को रूबरू कराने का बेहतरीन मंच है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार किसान भाइयों की आय 2022 तक दोगुनी करने का हरसंभव प्रयास कर रही है।
गोयल महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौ़द्योगिकी विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित ग्राम के तीसरे दिन पशुपालन विभाग की जाजम चौपाल पर काश्तकारों से संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसानों को आधुनिक नस्ल के पशुओं को भी पालना चाहिए। ऎसा करने से न केवल उनकी आमदनी में बढ़ोतरी होगी, बल्कि उनकी सम्पन्नता का स्तर भी बढ़ेगा।
जाजम में उदयपुर संभाग के विभिन्न अंचल से आए कृषकों ने अपनी समस्याओं और परेशानियों को खुलकर जलदाय मंत्री के साथ साझा की। बासंवाड़ा़ जिले से आए सरदारसिंह ने पशुपालन के उत्पादों पर अनुदान के बारे में सवाल पूछा, जिसका जवाब देते हुए जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि किसान भाइयों को सरकारी योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाना चाहिए।
जाजम के दौरान पशुपालन में नवाचार, पशुपालन द्वारा जनजाति क्षेत्र में आर्थिक सशक्तिकरण, कुक्कुटपालन- पशुपालकों का आर्थिक उत्थान का साधन, चारा प्रबंधन द्वारा दुग्ध उत्पादन में वृद्धि, पशु नस्ल सुधार से आय में बढ़ोतरी से जुड़े सवालों पर चर्चा की गई। इसी तरह पशु रोगों की प्रयोगशाला जांच व उनका निदान, पशुओं में कीट व परजीवी रोगों से बचाव व उपचार, अजोला का पशुपालन में उपयोग एवं लाभ, समन्वित मछली पालन एवं रंगीन मछली पालन एक व्यवसाय, पशुओं में टीकाकरण और जन स्वास्थ्य एवं पशु उत्पादन-प्रबंधन जैसे कई विषयों पर किसानों ने सवाल पूछे जिनका विषय विशेषज्ञों से स्थानीय भाषा में जवाब दिए।
पशु रोग विषेशज्ञ सुरेन्द्र छंगाणी ने कहा कि जानकारी के अभाव में पशुओं में खुरपका, मुंहपका जैसी कई बीमारियां होने लगती है, ऎसे में पशुओं का टीकाकरण समय पर करवाना बेहद जरूरी है। मुर्गीपालन से संबंधित एक सवाल का जवाब देते हुए विषेशज्ञों ने बताया कि मुर्गियों में कड़कनाथ ऎसी प्रजाति की नस्ल है जो लो कोलेस्टाल वालों के लिए ठीक होती है। इसी तरह प्रतापधन और असील नस्ल की भी खूबियों पर चर्चा की। इस अवसर पर उदयपुर और आसपास के क्षेत्र से विषेशज्ञ और भारी तादात में आम किसान उपस्थित रहे।
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