श्रीगंगानगर। जिले में इन दिनों रात का तापमान चार डिग्री से कम रह रहा है। तापमान में आई गिरावट के कारण अब किसानों को भी सरसों फसल में पाले की मार की चिंता सताने लगी है। जिले में रात का तापमान 3.4 डिग्री रहा। अधिकतम तापमान भी इन दिनों 22 डिग्री के आसपास रह रहा है। ऐसे में दिन में भी अब ठंड बढ़नी शुरू हो गई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
किसानों ने बताया कि कोहरा नहीं होने के कारण सूखी ठंड से सरसों फसल पाले की चपेट में सकती है। मौसम में आए बदलाव के चलते कई किसानों ने तो एहतियात के तौर पर सरसों को पाले की मार से बचाने के उपाय भी शुरू कर दिए हैं। कृषि विभाग के अफसरों ने भी किसानों को एहतियात बरतने नियमित रूप से खेतों में खड़ी फसल का भ्रमण करने की सलाह दी है। साथ ही पाले की मार की आशंका होने पर फसल को पाले की मार से बचाने के उपाय करने की सलाह दी है।
कृषि विशेषज्ञों ने फसल को पाले से बचाव के उपाय बताते हुए कहा कि फसलों की पर्याप्त सिंचाई की जानी चाहिए। इससे पाला फसलों को उतना ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा। फसल के आसपास धुंआ करने से भी पाले का असर कम हो जाता है। लेकिन यह उपाय करने से वायु प्रदूषण होता है।
कृषि विशेषज्ञों ने फव्वारा पद्धति से सिंचाई करने का सुझाव देते हुए कहा कि इस पद्धति से किसान अपनी फसल को पाले से बचा सकते हैं। सेल्फरिक एिसड में फसलों को पाले से बचाने के गुण होते हैं। इसलिए किसान इसका छिड़काव कर पाले का असर कम कर सकते हैं। खेत के उत्तर से पश्चिम दिशा की तरफ मेड़ बनाकर भी फसलों को सर्दी से बचाया जा सकता हैं।
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