राजसमंद/जयपुर। मेवाड़ के संस्थापक महाराणा कुम्भा की जन्मस्थली माल्यावास में महाराणा कुम्भा का भव्य स्मारक बनाया जाएगा। इसके लिए राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की ओर से की गई घोषणा का हजारों लोगों ने स्वागत किया। मुख्यमंत्री की ओर से गृह मंत्री गुलाबचन्द कटारिया ने यह घोषणा की और कहा कि इसके लिए राज्य सरकार के इस बार के बजट में प्रावधान किया जाएगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस घोषणा के क्रम में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथसिंह ने कहा कि मेवाड़ के संस्थापक महाराणा कुम्भा की जन्मस्थली मदारिया माल्यावास में भव्य महाराणा कुम्भा स्मारक बनाने और अन्य कार्यों के लिए केंद्र सरकार सहयोग करेगी। उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री डॉ. महेश शर्मा से हुई बातचीत का ब्यौरा देते हुए बताया कि महाराणा कुम्भा की स्मृति को चिरस्थायी बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार वांछित योगदान प्रदान करेगी। यह घोषणा रविवार को राजसमन्द जिले के मदारिया माल्यावास में महाराणा कुम्भा की 601वीं जयंती पर महाराणा कुम्भा जन्मभूमि सेवा समिति की ओर से आयोजित मेवाड़ महाकुम्भ में की गई। इसमें केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथसिंह मुख्य अतिथि थे, जबकि अध्यक्षता राजस्थान के गृह मंत्री गुलाबचन्द कटारिया ने की। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथसिंह ने मेवाड़ निर्माता प्रकाश स्तंभ महाराणा कुम्भा की तस्वीर के समक्ष पुष्पांजर्लि अर्पित की और दीप प्रज्वलित कर मेवाड़ महाकुम्भ का शुभारंभ किया। मुख्य अतिथि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह एवं राजस्थान के गृह मंत्री गुलाबचन्द कटारिया ने भामाशाहों महेन्द्रसिंह आकेली एवं चावण्डसिंह सिन्देसर कला को शॉल एवं स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया।
समारोह में राजस्थान के गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया, उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री राजेन्द्र राठौड़, राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकारसिंह लखावत, सांसद हरिओमसिंह राठौड़ एवं सीपी जोशी, राजस्थान मगरा विकास बोर्ड के अध्यक्ष हरिसिंह रावत, देवगढ़ राजघराने के वीरभद्र सिंह, विधायक सुरेन्द्रसिंह राठौड़, शिवपाल सिंह सहित क्षेत्रभर से जनप्रतिनिधि और विशाल जन समुदाय उपस्थित था।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि महाराणा कुम्भा की याद में होने वाले आयोजन केवल मदारिया तक ही सीमित न रहे, बल्कि कुम्भा का संदेश राजस्थान के कोने-कोने तक पहुंचना चाहिए। उन्होंने महाराणा कुम्भा को साम्राज्य का ही नहीं, बल्कि महान संस्कृति का संस्थापक बताया और मेवाड़ तथा राजस्थान की महिमा से परिचित कराते हुए कहा कि राजस्थान की धरती शौर्य-पराक्रम, बलिदान की गाथाओं से भरी रही है। राजस्थान की धरती राणा की शक्ति, मीरा की भक्ति, पन्ना की युक्ति, भामाशाह की संपत्ति और वीरांगनाओं की मुक्ति की भूमि है। उन्होंने कहा कि मेवाड़ का इतिहास दुनिया के लिए प्रेरक है। इसमें आत्मसर्मपण नाम का कोई शब्द नहीं। या तो विजय है या फिर वीर गति। तीसरा कोई विकल्प है ही नहीं। उन्होंने कहा कि मेवाड़ की गौरव गाथा को जिस रूप में दर्शाया गया है, उसे देख यह महसूस होता है कि इतिहास के साथ इंसाफ नहीं हुआ।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने मेवाड़ के राजवंश की स्थापना, बप्पा रावल से लेकर अब तक की परंपराओं और खासियतों, ऐतिहासिक गाथाओं आदि का स्मरण किया और इनसे प्रेरणा पाकर समाज और देश की एकता और अखंडता तथा नवनिर्माण में भागीदारी का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि देश की सीमाएं सुरक्षित हैं, अब कोई आंख उठाकर नहीं देख सकता। दुनिया में भारत की छवि मजबूत और तेजी से विकसित तथा तीव्रतर आर्थिक विकास वाले देश की है। दुनिया के लोगों की धारणा बदल रही है।
मुख्यमंत्री की ओर से गृहमंत्री ने की स्मारक बनाने की घोषणा
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राजस्थान के गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने महाराणा कुम्भा जन्मभूमि सेवा समिति के प्रयास की प्रशंसा की और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की ओर से घोषणा की। उन्होंने कहा कि महाराणा कुम्भा की जन्मस्थली का भव्य विकास इस बार के बजट में शामिल किया जाएगा। इसके लिए उन्होंने राजस्थान धरोहर संरक्षण समिति के अध्यक्ष ओंकारसिंह लखावत से योजना बनाने के लिए कहा। कटारिया ने मेवाड़ के शौर्य-पराक्रम, वीरता, स्वाभिमान, साहस तथा मेवाड़ महिमा पर प्रकाश डाला और कहा कि आने वाली पीढ़ियों तक मेवाड़ के इतिहास को पहुंचाने के लिए हरसंभव प्रयास करने पर जोर दिया। गृह मंत्री ने कहा कि राजस्थान में फिल्म पद्मिनी के प्रदर्शन को प्रतिबंधित कर दिया है, लेकिन जन भावनाओं को देखते हुए देशभर में इस पर पाबंदी के प्रयास जरूरी हैं।
उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने मेवाड़ काम्प्लेक्स के विकास और विस्तार के प्रयासों, दिवेर में महाराणा प्रताप, बप्पा रावल, पन्नाधाय और राणा राजसिंह पेनोरमा निर्माण, कुम्भलगढ़ किला, चित्तौड़गढ़ दुर्ग आदि के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने चामुंडा माता मंदिर विकास, महाराणा कुम्भा मूति स्थापित करने, पेनोरमा विकसित करने के योजनाबद्ध प्रयासों पर बल दिया। उन्होंने फिल्म पद्मिनी के प्रसारण पर रोक की बात कही।
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