पाली/जयपुर। स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास मंत्री श्रीचंद कृपलानी ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि नगर परिषद् पाली को भूमि नियमन से संबंधित पत्रावलियों की रिपोर्ट उनके प्राप्त होने के क्रम में करने के निर्देश दे दिए गए है। इस सम्बन्ध में एक कनिष्ठ अभियन्ता के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारम्भ की जा चुकी है। आगे से ऎसी समस्या नहीं होगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कृपलानी ने प्रश्नकाल के दौरान विधायकों द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि नगर परिषद को निर्देशित किया जा रहा है कि पहले प्राप्त होने वाली पत्रावली की आपत्ति पहले प्रकाशित की जाये। पत्रावलियों का निस्तारण भी उनके प्राप्त होने के क्रम में किये जाने के निर्देश नगर परिषद को दिये जा रहे हैं। आवेदक को दी जाने वाली रसीद में प्राप्त किये जाने वाले दस्तावेजों का भी अंकन किये जाने के निर्देश पूर्व में ही दिये हुए है। नगर परिषद को पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये जा रहे हैं।
इससे पूर्व श्री कृपलानी ने मूल प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री शहरी जन कल्याण शिविर के दौरान विभिन्न आवेदकों द्वारा शिविर अवधि में कृषि भूमि नियमन के तहत 2766 पत्रावलियां, स्टेट ग्रान्ट एक्ट के तहत 75 पत्रावलियां एवं कब्जा नियमन के लिए 106 पत्रावलियां प्राप्त हुई। उन्होंने कहा कि इन शिविरों के दौरान नियमन के लिए अत्यधिक पत्रावलियां जमा होने से पट्टे की राशि जमा कराने हेतु मांग पत्र जारी नहीं किये गये। राशि गणना कर उसी दिन आवेदक को दूरभाष पर सूचित किया गया। इस दौरान कुल 2592 पत्रावलियों में आवेदकों द्वारा राशि जमा करायी गयी। शिविर अवधि के दौरान कुल 2534 पट्टे जारी किये गये। स्टेट ग्रान्ट एक्ट के तहत 33 पत्रावलियों में मांग पत्र जारी किया गया। राशि जमा होने पर पट्टे जारी कर दिये गये है। कब्जा नियमन के लिए प्राप्त आवेदन कच्ची बस्ती क्षेत्र में होने के कारण कच्ची बस्ती डिनोटिफाई नहीं होने से नियमन नहीं किया जा सका।
श्री कृपलानी ने कहा कि कृषि भूमि नियमन के लिए शेष 174 प्रकरणों में से 30 प्रकरणों में राशि जमा कराने के अभाव में, 60 प्रकरण में न्यायिक विवाद एवं 24 प्रकरणों में कनिष्ठ अभियन्ता द्वारा मौका रिपोर्ट एवं 60 प्रकरण आपत्ति सूचना समाचार पत्र में प्रकाशन के लिए प्रक्रियाधीन है। स्टेट ग्रान्ट एक्ट के तहत 28 प्रकरणों में आवेदकों द्वारा सबूत प्रस्तुत नहीं करने, भूमि स्वामित्व का विवाद, विधिक राय, मौका रिपोर्ट आदि कारणों से लम्बित है, जिन पर शीघ्र आवश्यक कार्यवाही कर निस्तारित कर दिये जायेंगे।
श्री कृपलानी ने कहा कि शिविर के दौरान कोई भी पत्रावली गुम नहीं हुई है। कुछ पत्रावलियां प्रक्रिया के दौरान परिषद के अन्य अनुभागों में चली गई थी, जो पुनः मिलने पर पट्टे जारी कर दिये गये है एवं कुछ आवेदकों से नई पत्रावलियां संधारित करवाकर शिविर अवधि के दौरान पट्टे जारी करने की कार्यवाही की गई है। कुछ पत्रावलियां कार्यवाही पूर्ण करने के लिए अन्य अनुभाग में प्रक्रियाधीन होने से देरी से प्राप्त हो रही है। यदि कोई पत्रावली नहीं पायी गई, तो सम्बन्धित कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए एफआईआर दर्ज करायी जायेगी।
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