जयपुर। इस बार ग्रीष्मकाल अधिक समय तक रहेगा। एक माह ज्यादा गर्मी से भले ही पसीना ज्यादा बहेगा, लेकिन इससे शुभ परिणाम मिलेंगे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2075 की शुरुआत 18 मार्च से हो रही है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ग्रह नक्षत्र मंत्रिमंडल में फेरबदल हो रहा है। रविवार 18 मार्च से शुरू हो रहे विक्रम संवत 2075 में राजा सूर्य और गृहमंत्री शनिदेव होंगे। दोनों पिता-पुत्र के गद्दीनशीन होने से शुभाशुभ परिणाम मिलने का योग है। ज्योतिष गणना के मुताबिक यह दोनों ग्रह शुभ परिणाम लेकर आएंगे। व्यापार में धनलाभ होगा, विद्यार्थियों को पढ़ाई में लाभ होगा। हालांकि इसी संयोग की वजह से प्रजा और कर्मचारियों में विरोध के स्वर गुंजायमान रहेंगे।
इसी वर्ष पुरुषोत्तम मास यानी अधिकमास की स्थिति रहेगी। ज्येष्ठ मास दो होने के कारण इस बार गर्मी का प्रकोप अधिक रहने के संकेत हैं। इसी संयोग की वजह से प्रजा और कर्मचारियों में विरोध के स्वर गुंजायमान रहेंगे।
विवाह के योग भी कम है। इस वजह से सावों की संख्या कम रहेगी। 16 मई से 13 जून के मध्य पुरुषोत्तम मास के बाद शुक्र और गुरु का तारा डूबने के कारण नवंबर व दिसंबर में शुभ विवाह मूहूर्त का भी अभाव रहेगा।
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