जोधपुर। एक बेटी ने बचपन में शादी की बेडिय़ों से आजादी की गुहार की है। शहर के नांदड़ी इलाके में रहने वाली मीनाक्षी विश्नोई ने बाल विवाह को ना कहते हुए ट्रक ड्राइवर पति के साथ रहने से मना कर दिया है। उसने अपना बाल विवाह निरस्त कराने के लिए हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश गोपालकृष्ण व्यास को वाट्सएप पर मैसेज किया। मीनाक्षी की इस पहल के बाद विधिक सेवा प्राधिकरण ने उसकी सहायता की और सोमवार को पारिवारिक न्यायालय में उसके बाल विवाह को निरस्त करने के लिए प्रार्थना पत्र दायर किया।
बेटी का साहस बना अभिनव पहल
मीनाक्षी ने जस्टिस जीके व्यास को भेजे संदेश में बताया कि जब वह सात साल की थी, तब उसका विवाह विष्णु की ढाणी निवासी भूताराम के साथ कर दिया गया था। उसके पिता सेना से रिटायर हैं तथा समाज के दबाव के चलते यह बाल विवाह किया। अब वह बीएड कर रही है तथा शिक्षक बनाना चाहती है, लेकिन उसका ट्रक चालक पति उसे गौना करवाकर घर ले जाने के लिए दबाव बना रहा है।
जज ने उठाया कानूनी कदम
वाट्स एप मैसेज के बाद जज व्यास ने विधिक सेवा प्राधिकरण के उप सचिव धीरज शर्मा को तत्काल सहायता देने के निर्देश दिए। इस पर रविवार को अवकाश के बावजूद हाईकोर्ट स्थित विधिक सेवा प्राधिकरण का दफ्तर खुलवाया गया और इस युवती को तत्काल सहायता के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई। साथ ही उसकी परिवार की सुरक्षा के लिए पुलिस को निर्देश दिए गए। उसे बाल विवाह के बंधन से मुक्त करवाने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। उसे प्राधिकरण की ओर से पूरी विधिक सहायता दी जाएगी।
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