जोधपुर। ऊर्जा राज्य मंत्री पुष्पेन्द्र सिंह ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि जोधपुर में एम्स परिसर से 132 केवी की हाइटेंशन लाइन को अंडरग्राउण्ड केबल डालकर शिफ्ट करने का कार्य चार माह में पूरा कर दिया जाएगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सिंह सदन में प्रश्नकाल के दौरान विधायकों की ओर से इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए राज्य सरकार की ओर से 14.25 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि परिसर से बाहर जहां सड़क की चौड़ाई कम है, वहां मोनोपोल पर हाइटेंशन लाइन को शिफ्ट किया जाएगा।
ऊर्जा राज्य मंत्री ने कहा कि विभाग की ओर से कभी आवासों के ऊपर से हाइटेंशन लाइन नहीं डाली जाती। लाइन के नीचे आवासीय कॉलोनी का नियमों की पालना किए बिना विस्तार होने से ऎसी स्थिति सामने आती है। उन्होंने बताया कि जिन आवासीय क्षेत्रों से 33 केवी या 11 केवी की लाइन गुजरती है, उसे शिफ्ट करने का खर्च 50 प्रतिशत उस व्यक्ति को वहन करना होता है और शेष 50 प्रतिशत राज्य सरकार वहन करती है। इसके अतिरिक्त 220 केवी की लाइन को शिफ्ट करने का खर्च 100 प्रतिशत संबंधित व्यक्ति को ही वहन करना होता है।
इससे पहले विधायक कैलाश भंसाली के मूल प्रश्न का जवाब देते हुए ऊर्जा राज्य मंत्री ने कहा कि जोधपुर में एम्स परिसर से 132 केवी की हाइटेंशन लाइन गुजर रही है, जिसको अण्डरग्राउण्ड केबल डालकर शिफ्ट करने के लिए 26 दिसम्बर, 2017 को कार्यादेश जारी कर दिया गया है एवं कार्य प्रगति पर है।
सिंह ने कहा कि जोधपुर शहर में वर्तमान में अति उच्च वोल्टेज (ईएचवी) की हाइटेंशन लाइनों के आस-पास लगभग 1148 आवासीय अथवा व्यावसायिक परिसर हैं। उन्होंने इन हाईटेंशन लाइनों का विवरण सदन के पटल पर रखा।
ऊर्जा राज्य मंत्री ने जोधपुर विद्युत वितरण निगम के क्षेत्रधिकार में जोधपुर शहर में 11 के.वी. एवं 33 के.वी. विद्युत लाइनों के नीचे अथवा आस-पास में निर्माण कर निवास कर रहे परिवारों का विवरण भी सदन के पटल पर रखा।
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