जयपुर। झुंझुनू सांसद संतोष अहलावत ने संयुक्त राष्ट्र की सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली सरकार के ‘सबका साथ-सबका विकास’ के नारे को गरीबी उन्मूलन के लिए लोगों को सशक्त बनाने का प्रतीक बताया। सांसद संतोष अहलावत ने अमेरिका के न्यूयॉर्क में चल रहे संयुक्त राष्ट्र आम सभा के 72वें अधिवेशन में गरीबी उन्मूलन पर भारत का पक्ष रखा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सभा में सांसद अहलावत ने कहा कि दुनियाभर में लोगों को गरीबी से उभारने में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, परंतु बड़े पैमाने पर बहुकालीन गरीबी अभी भी जारी है तथा आज के समय में मानवता के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। गरीबी उन्मूलन में भारत सरकार के द्वारा उठाए जा रहे कदमों पर बोलते हुए सांसद अहलावत ने कहा कि वैश्विक आबादी का एक छठा हिस्सा भारतीय है तथा भारत द्वारा लोगों को गरीबी से उभारने के लिए जो कदम उठाए जा रहे हैं उन्हें पूरे विश्व ने सराहा है। स्वतंत्र भारत ने गरीबी कम करने के लिए, लोगों के कल्याण के लिए नीतियां बनाई हैं, जो औपनिवेशिक हितों के बजाय राष्ट्रीय हित में हैं।
सभा में भारत का पक्ष रखते हुए उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था धीमी होने के बावजूद भारत सबसे तेजी से बढ़ती हुई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के रूप में उभरा है। इसके शुरुआती लाभों में खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भरता, बुनियादी और उच्च शिक्षा के लिए बेहतर पहुंच, सस्ती स्वास्थ्य देखभाल, विविध अर्थव्यवस्था और सामाजिक सुधार शामिल हैं। अहलावत ने कहा कि आई.सी.टी.टूल के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता और उपलब्धता, बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं जैसे सार्वभौमिक टीकाकरण जैसी सुविधाओं में सुधार के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास किए जा रहे हैं। स्वच्छ भारत अभियान के जरिए नागरिकों तक स्वच्छ पेयजल एवं स्वछता पहुंचने में विशेष कार्य किए जा रहे हैं। भारत सरकार ‘स्मार्ट सिटीज’ के निर्माण के साथ-साथ किफायती आवास (अफोर्डेबल हाउसिंग) उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
अंत में सांसद अहलावत ने सभा को कहा कि भारत अपने सीमित संसाधनों के साथ एक समृद्ध और समावेशी समाज बनाने के प्रयासों को तेज करता है, और अन्य विकासशील देशों के साथ साझेदारी के प्रयासों को आगे बढ़ाता रहेगा। कुछ हफ्ते पहले महासभा में विदेश मंत्री द्वारा भारत-संयुक्त राष्ट्र विकास पार्टनरशिप फंड स्थापित करनी जो बात कही गई थी, वह भारत कि दक्षिणी सहयोग के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण कदम है। हमें उम्मीद है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय गरीबी उन्मूलन और सतत विकास की चुनौती को पूरा करने में एक साथ काम करेंगे।
झुंझुनूं
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