जयपुर। स्वच्छ भारत मिशन के तहत नगरीय निकायों में नियुक्त नोडल अधिकारियों को स्वच्छता ऐप व सिटीजन फीडबैक के लिये दो दिवसीय (22 व 23 फरवरी, 2018) कार्यशाला का आयोजन स्वायत्त शासन भवन में निदेशक एवं संयुक्त सचिव पवन अरोड़ा की अध्यक्षता में किया गया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस अवसर पर स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छता ऐप बनाने वाली संस्था के विषय विशेषज्ञ सुमित अरोड़ा (जनाग्रह, बैंग्लोर) ने प्रथम दिवस में अजमेर, भरतपुर, जोधपुर व उदयपुर संभाग के नगरीय निकायों के स्वच्छ भारत मिशन के नोडल अधिकारियों को स्वच्छता ऐप व सिटीजन फीडबैक के सम्बन्ध में प्रशिक्षण प्रशिक्षण दिया। कार्यशाला के दूसरे दिन 23 फरवरी, 2018 को बीकानेर, कोटा व जयपुर संभाग के स्वच्छ भारत मिशन के नोडल अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा।
कार्यशाला में निदेशक एवं संयुक्त सचिव पवन अरोड़ा ने नगरीय निकायों में नियुक्त स्वच्छ भारत मिशन के नोडल अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि वे स्वच्छता ऐप की जानकारी देने व ऐप डाउनलोड करने के लिये निकाय क्षेत्रों में स्कूलों, काॅलेज, कोचिंग सेन्टर, बस स्टेण्ड, रेल्वे स्टेशन, कामर्शियल ऐरिया आदि में काउन्टर लगाये तथा इन स्थानों पर कठपूतली नृत्य, लोक नृत्य आदि का आयोजन किया जाकर आमजन को आमंत्रित किया जाये। उन्होनें कहा कि इस दौरान राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान व स्वच्छ भारत मिशन के तहत किये गये/किये जा रहे कार्यो की विस्तार से जानकारी दी जाये।
अरोड़ा ने कहा कि स्वच्छ स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 में स्वच्छता ऐप के 400 अंक निर्धारित किये गये है। उन्होनें बताया कि नगरीय निकाय की सिटीजन फीडबैक में राजस्थान का स्थान देश में प्रथम है। अब तक 5 लाख 2 हजार सिटीजन फीडबैक राजस्थान द्वारा प्राप्त किये गये है। इसी प्रकार मध्यप्रदेश देश में द्वितीय स्थान पर चल रहा है।
उन्होनें बताया कि स्वच्छता ऐप 28 फरवरी, 2018 तक डाउनलोड किया जा सकता है एवं सिटीजन फीडबैक 31 मार्च, 2018 तक दिया जा सकता है। उन्होनें कहा कि स्वच्छता ऐप डाउनलोड कर उससे क्षेत्र की सफाई सम्बन्धित समस्याओं का शीघ्र निस्तारण करवाया जा सकता है।
उन्होनें स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 की विस्तार से जानकारी देते हुये बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 के तहत जो सर्वेक्षण पद्धति निर्धारित की गयी है उसमें कुल अंकों में से म्यूनिसिपल डाॅक्यूमेंटेशन के लिए 35 प्रतिशत, प्रत्यक्ष अवलोकन के लिए 30 प्रतिशत एवं नागरिक प्रतिक्रिया के लिए 35 प्रतिशत अंक दिये जायेंगे। स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 के लिए म्यूनिसिपल डाॅक्यूमेंटेशन के लिए कुल 1400 अंको का बटवाया किया जायेगा, जिनमें ठोस कचरे का परिवहन एवं एकत्रिकरण के लिए 30 प्रतिशत (420 अंक), ठोस कचरे का प्रसंस्करण एवं निपटान के लिए 25 प्रतिशत (350 अंक), स्वच्छता एवं खुले में शौच मुक्त 30 प्रतिशत (420 अंक), सूचना-शिक्षा एवं संचार व्यवहार में बदलाव के लिए 5 प्रतिशत (70 अंक), क्षमता सवंर्द्धन के लिए 5 प्रतिशत (70) एवं नवाचार एवं सर्वोत्तम प्रक्रिया के लिए 5 प्रतिशत (70 अंक) दिये जायेंगे। स्वच्छ सर्वेक्षण - 2018 के लिये स्वतंत्र सत्यापन के लिए इन्डीकेटर्स की प्रगति सही नहीं होने के स्थिति में नेगेटिव मार्किंग भी की जा सकेगी।
उन्होनें बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 के तहत प्रत्यक्ष अवलोकन के लिए जो सर्वेक्षण पद्धति निर्धारित की गयी है उसमें 1200 अंकों में प्रत्यक्ष अवलोकन के लिए 30 प्रतिशत (360 अंक), नागरिक प्रतिक्रिया के लिए 35 प्रतिशत (420 अंक), सर्विस लेवल प्रोग्रेस के लिए 35 प्रतिशत (420 अंक) निर्धारित किये गये है। इसी प्रकार नागरिक प्रतिक्रिया के लिए 1400 अंकों में प्रत्यक्ष अवलोकन के लिए 30 प्रतिशत (420 अंक), नागरिक प्रतिक्रिया के लिए 35 प्रतिशत (490 अंक), सर्विस लेवल प्रोग्रेस के लिए 35 प्रतिशत (490 अंक) निर्धारित किये गये है।
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