चंडीगढ़। पंजाब
के शहरों/कस्बों को एक समान दिखने वाले और स्थानीय शहरी इकाईयों को आर्थिक
तौर पर आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्थानीय निकाय विभाग द्वारा कारगर आउटडोर
विज्ञापन नीति एवं नियम (पंजाब म्यूनिसपल आउटडोर एडवरटाईजमैंट पॉलिसी एवं
बायलॉज, 2018) का प्रस्ताव तैयार किया गया है जिसको और प्रभावशाली बनाने और
लोगों के सुझाव शामिल करने के लिए प्रस्ताव को सार्वजनिक करते हुये लोगों
से सुझाव मांगे गए हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
विभाग की वैबसाईट www.lgpunjab.gov.in पर
अपलोड किये नीति के प्रस्ताव देखकर कोई भी शहरी या पंजाब का निवासी इस
संबंधी 31 जनवरी, 2018 तक अपनी सलाह/सुझाव दे सकता है। यह खुलासा स्थानीय
निकाय मंत्री स. नवजोत सिंह सिद्धू ने आज यहां जारी प्रैस बयान के द्वारा
किया।
स. सिद्धू ने कहा कि 31 जनवरी के बाद मिले सुझावों को
शामिल करने के उपरांत विभाग द्वारा सभी शहरों के लिए एक समान, प्रभावशाली
और व्यापक विज्ञापन नीति तैयार करके हर हाल में मार्च महीने से लागू की
जायेगी। उन्होंने कहा कि विज्ञापन नीति बनाने का उद्धेश्य शहरी स्थानीय
इकाईयों की आय में विस्तार करना और सख्त कानून के द्वारा उल्लंघन करने
वालों को जुर्माना करना है। इसके अलावा शहरों को सुंदर रूप देने के लिए एक
समान नीति बनाना है और शहरों की रूपरेखा खऱाब करने वाले बेढंगे और अनियमित
आउटडोर विज्ञापनोंं को एक समान रूप देना है। उन्होंने कहा कि पंजाब में
इससे पहले की विज्ञापन नीति नरम कानून के कारण प्रभावहीन थी और उल्लंघन
करने वालों को कोई सज़ा या जुर्माना देने का कोई उपबंध नहीं था, इसलिए नयी
विज्ञापन नीति बनाई जा रही है जिसका प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। नई
नीति मुख्य तौर पर नियम बनाने और उनको सख्ती के साथ लागू करने पर आधारित
होगी।
स. सिद्धू ने नई बनाई जा रही विज्ञापन नीति के प्रस्ताव की
मुख्य विशेषताओं का विवरण देते हुये बताया कि किसी को छत पर विज्ञापन
लगाने की इजाज़त नहीं दी जायेगी। दुकानदार मकान मालिकों को अपनी -अपनी
दुकानों पर प्रत्येक मंजिल सिफऱ् एक विज्ञापन लगाने की इजाज़त होगी और वह
भी निर्धारित साईज़ का होगा। इस संबंधित सभी दुकानदारों को दो महीनों का
समय दिया जायेगा कि पहले वाले बोर्ड उतार कर नये लगा लें। इसके अलावा शहरों
के स्थानों पर लगने वाले विज्ञापन भी एक समान एक ही आकार के होंगे। इससे
पहले के म्युनिसिपल एक्ट अनुसार किसी भी अनाधिकृत विज्ञापन या बोर्ड को
हटाने का उपबंध तो था परंतु जुर्माने का नहीं और नये प्रस्ताव में
म्युनिसिपल एक्ट में संशोधन करके उल्लंघन करने वालों को कठोर सजा व
जुर्माने भी किये जाएंगे। सरकारी अधिकारियों को जवाबदेह बनाते हुये संबंधित
क्षेत्र के अधिकारी अपने -अपने क्षेत्र में नई नीति के पालन की कार्यवाही
रिपोर्ट प्रत्येक सप्ताह संबंिधत कमिशनर /कार्य साधक अधिकारी को सौंपेंगे
और यह अधिकारी अपने शहर/कस्बो की कार्यवाही रिपोर्ट हर महीने डायरैक्टर
स्थानीयनिकाय को देंगे। यदि किसी सरकारी अधिकारी की लापरवाही के कारण सरकार
को कोई आर्थिक नुकसान हुआ तो संबंधित सरकारी अधिकारी के वेतन में से इस
नुकसानी राशि की भरपाई की जायेगी।
स्थानीय निकाय मंत्री ने बताया
कि नयी विज्ञापन नीति के प्रस्ताव में नीति का सख्ती से पालना करने के लिए
उडऩ दस्ते बनाने कर प्रस्ताव है जो समय -समय पर अचानक चैकिंग करके यह
यकीनी बनाऐंगे कि विज्ञापन बोर्ड नीति अनुसार लगाए गए हैं। पुलिस के
बैरीकेडों पर लगने वाले विज्ञापन भी लाइसेंस मंजूरी प्राप्त कंपनी के
लगेंगे और इस संबंधित कार्यवाही रिपोर्ट सम्बन्धित पुलिस कमिशनर/एस.एस.पी.
प्रत्येक महीने डायरैक्टर स्थानीय निकाय को भेजेंगे। पारदर्शिता को अहमीयत
देते हुये विज्ञापनों से संबंधित हर तरह की जानकारी विभाग की वेबसाइटों पर
अपलोड की जायेगी और विभाग के कार्यालयों में नोटिस बोर्ड पर लगाये जाएगें।
इस जानकारी में विज्ञापनों की संख्या, किस्म, आकार, विज्ञापन एजेंसी का नाम
और संपर्क नंबर और विज्ञापन लगाए जाने की समय-सीमा आदि शामिल होगी। यह
जानकारी विज्ञापित होर्डिंग पर देनी आवश्यक होगी।स. सिद्धू ने
बताया कि विज्ञापन नीति का उल्लंघन करने वाले संबंधित कोई भी राज्य निवासी
विभाग की मंजूरशुदा हेल्पलाइन नंबर और वैबसाईट पर शिकायत कर सकता है। नई
नीति के प्रारूप में यह प्रस्ताव भी रखा गया है कि कोई भी ब्लैक लिस्ट
कंपनी या देश के किसी भी राज्य सरकार द्वारा प्रतिबंधित कंपनी विज्ञापन
लगाने के लिए लगने वाली बोली में हिस्सा नहीं ले सकती। इसके अलावा
शहर/कस्बो में किसी भी अन्य सरकारी, सहकारी, सार्वजनिक क्षेत्र के
संस्थानों या बोर्ड निगम की इमारत पर लगने वाले विज्ञापन जिनकी दिशा शहर की
तरफ होगी, के लिए संबंधित संस्थान को विज्ञापन की कमाई का 50 प्रतिशत
हिस्सा विभाग को देना होगा।स्थानीयनिकाय मंत्री ने बताया कि इस प्रस्ताव को विभाग की वेबसाईट www.lgpunjab.gov.in पर
अपलोड कर दिया गया है।
इसके अलावा विभाग अधीन आते सभी क्षेत्रीय
कार्यालयों, सभी शहरी स्थानीय इकाईयों और सरकार के सभी विभागों को भी कापी
भेजी जा रही है और इस संबंधी कोई भी व्यक्ति या विभाग 31 जनवरी तक अपने
सुझाव ई-मेल पता advpolicypblocalgovt0gmail.com और
स्थानीय निकाय विभाग के चण्डीगढ़ स्थित सैक्टर 35 के म्युनिसिपल भवन में
डायरैक्टर के कार्यालय में दे सकता है जिसको नीति का हिस्सा बनाने के लिए
बाद में विचार किया जायेगा।
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