जयपुर। प्रदेश में राष्ट्रीय कैंसर, डायबीटिज, कार्डियोवेसक्लूयर और हृदयाघात जैसी असंक्रामक बीमारियों की रोकथाम और उपचार के प्रति विशेष गंभीरता बरती जाए। इन बीमारियों की पहचान के लिए आयोजित किए जा रहे शिविरों में पाॅजीटिव चिन्ह्ति मरीजों को समुचित उपचार उपलब्ध करवाया जाए। इसे लेकर चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव वीनू गुप्ता ने सीफू में एनपीसीडीसीएस कार्यक्रम की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान उन्होंने जिलास्तर पर संचालित एनसीडी क्लिनिक आने वाले प्रत्येक मरीज की डायबीटिज और ब्लड प्रेशर जैसी आवश्यक जांच करने और ग्लोकोस्टिक, ग्लूकोमीटर व लेनसेट इत्यादि सामग्री की यथासमय डिमाण्ड भिजवाने के निर्देश दिए। गुप्ता ने गैर-संचारी रोगों के लिए आयोजित शिविरों में स्क्रिन किए गए और रैफर रोगियों का समुचित फाॅलोअप करने के साथ पाॅजीटिव रोगियों को उपयुक्त परामर्श सेवाएं देकर उपचार से लाभान्वित करना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के क्षेत्र सहित शहरी घनी बस्तियों में एनएचएम के आउटरीच कैम्पों में भी एनसीडी सेवाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। बैठक में अतिरिक्त मिशन निदेशक एनएचएम बी एल कोठारी, निदेशक जनस्वास्थ्य डाॅ वी के माथुर, अतिरिक्त निदेशक अस्पताल प्रशासन डाॅ एस एन मित्तल, एनसीडी राज्य नोडल अधिकारी डाॅ आर एन मीणा सहित सभी जिलों के उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी एनसीडी व संबंधित अधिकारीगण मौजूद रहे।
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