जयपुर। युवती को अगवा कर मारपीट के मामले में पुलिस को आरोपियों के खिलाफ कोई सुराग हाथ नहीं लगे हैं। पुलिस ने पीडि़ता के बताए नंबरों के आधार पर आरोपियों की तलाश की गई तो पता चला कि सिम किसी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दी गई है। पुलिस ने आरोपियों की तलाश के लिए टीम का गठन कर तलाश शुरू कर दी है। वहीं पुलिस ने पीडि़ता से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन मोबाइल बंद था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
थानाधिकारी मुकेश चौधरी ने बताया कि पुलिस शनिवार को गोपालपुरा बाईपास स्थित कंपनी के दफ्तर पहुंची थी। जहां पर दफ्तर पर ताले लगे मिले। वहीं जब आस पास के लोगों से पूछताछ की तो पता चला की दफ्तर खुल ही नहीं रहा है। वहीं जब कुछ सीसीटीवी कैमरों को खंगालना चाहा तो वह भी बंद मिले। वहीं अपूर्व और साथी विशाल सिघल के मोबाइल नंबर के आधार पर आईडी के आधार पर लोकेशन ट्रेस की गई तो वह भी फर्जी निकली। सिम लेते वक्त जो दस्तावेज दिए उस पते पर जाकर देखा तो इस नाम का कोई शख्स वहां नहीं रहता था।
गौरतलब है कि बुधवार रात युवती के साथ काम करने वाले उसके बॉस विशाल सिंघल और अपूर्व युवती के पीजी पहुंचे। वहां उसे कार में बिठाकर शादी करने की बात कही। युवती ने इससे इनकार किया तो उससे मारपीट और छेडछाड़ की। पुलिस ने बताया कि दोनों बदमाशों की मंशा युवती का अपहरण कर शादी करने की थी। पुलिस ने शनिवार को परिजनों से संपर्क करना चाहा, लेकिन नंबर बंद आने के चलते उनसे बात नहीं हो सकी।
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