जयपुर। राजस्थान में स्वाइन फ्लू के मिशिगन वायरस से मौतें थमने का नाम ही नहीं ले रही। प्रदेश में स्वाइन फ्लू से मौतों के ग्राफ में लगातार बढोतरी होती जा रही है। रविवार को 25 और नए मामले सामने आने के बाद स्वाइन फ्लू पॉजिटिव मरीजों का की संख्या 491 तक पहुंच गई है। जबकि 23 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
चिकित्सा
विभाग की लापरवाही के चलते नए साल में जनवरी के पहले पखवाड़े में ही 491 पॉजिटिव
आने पर देश में पहले नंबर पर आ गया है। पिछले साल पॉजिटिव मिलने में गुजरात
पहले व महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर था और मौत के मामले में महाराष्ट्र पहले
और गुजरात दूसरे नंबर पर था। वर्ष 2010 से 2017 तक केवल जनवरी में 282 से
ज्यादा पॉजिटिव नहीं मिले। राजस्थान में 15 दिन में ही 491 पॉजिटिव मिलने
पर 8 साल का रिकाॅर्ड टूटा है।
इधर, केन्द्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान यूपी सरकार को ठंड के चलते पहले से ही स्वाइन फ्लू के नियंत्रण के लिए चेताया था। इसके बावजूद प्रदेश का चिकित्सा विभाग इसे रोकने में नाकाम रहा है।
चिकित्सा विभाग के रेपिड रेस्पांस टीम की ओर सेे स्क्रीनिंग में लापरवाही के चलते स्वाइन फ्लू फैलेे जा रहा है। डॉक्टरों के अनुसार स्वाइन फ्लू वायरस एक व्यक्ति से दूसरे में पहुंच जाता है। किसी भी व्यक्ति में बीमारी के लक्षण संक्रमण के बाद 1 से 7 दिन में नजर आते हैं। स्वाइन फ्लू की आशंका होने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए।
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