जयपुर। पिंकसिटी
एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर रिकॉर्ड स्थापित करने की तैयारी में है।
कॉर्पोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबलिटी (सीएसआर) के तहत शहर के एनजीओ, कॉर्पोरेट
समूह और ब्यूरोक्रेट्स मिलकर इन दिनों एक अनूठे विश्व रिकॉर्ड की तैयारियों
में जुटे हुए हैं। यह विश्व रिकॉर्ड एक ओर जहां उन बच्चों की शिक्षा में
मदद की अपील करेगा, जो कभी स्कूल नहीं जा पाए, वहीं उन बेटियों को बचाने का
आग्रह भी करेगा, जिन्हें जन्म से पहले कोख में ही मार दिया जाता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एयू
बैंक जयपुर मैराथन के साथ सामाजिक सरोकारों में सहयोगी पुष्प संस्थान की ओर
से यह अनूठी पहल पिंकसिटी में पहली बार की जा रही है। जिसके चलते जागरुकता
कार्यक्रम को विश्व रिकॉर्ड से जोड़कर दिल से दिल मिलाने का प्रयास किया
जा रहा है। कागज के 11,111 दिलों की शृंखला का यह विश्व रिकॉर्ड हजारों
स्कूली बच्चों के मार्मिक संदेशों के साथ शिक्षा को बढ़ावा देने और बेटी
बचाओ अभियान को बुलंद करने का प्रयास करेगा।
पिंकसिटी में ऐसे टूटेगा सिंगापुर का रिकॉर्ड
बाल
अधिकारों के लिए सक्रिय पुष्प संस्थान, एयू बैंक जयपुर मैराथन, हैल्दी फूड
बाजार, आई.ए.एस. नवीन जैन और आई.पी.एस. पंकज चौधरी द्वारा सिंगापुर के
रिकॉर्ड को 2 फरवरी, 2018 को तोड़ा जाएगा। जयपुर में बनने जा रहे इस
रिकॉर्ड में कागज के 11,111 दिलों को विश्व रिकॉड्र्स की गाइडलाइन के
अनुसार एक सूत्र में पिरोया जाएगा। इन सभी दिलों पर पिंकसिटी के स्कूलों के
बच्चे अपना संदेश लिखेंगे। साथ ही यह रिकॉर्ड उन बच्चों की मदद के लिए एक
अपील के तौर पर बनाया जाएगा, जो बच्चे कभी स्कूल नहीं जा पाए और ऐसी
बच्चियों को बचाने का संदेश भी देगा, जिन्हें जन्म लेने से पहले ही मार
दिया जाता है। यह पिछड़े इलाकों और कच्ची बस्तियों के बच्चों की शिक्षा को
प्रोत्साहित करने के उद्देश्य के साथ ही कोख में कत्ल हो रही बच्चियों को
बचाने के लिए समाज से एक मार्मिक अपील के रूप में स्थापित रिकॉर्ड होगा।
अब तक यह है रिकॉर्ड
सिंगापुर
सोशल वेलफेयर ऑर्गेनाईजेशन की ओर से मदर्स डे के अवसर पर 2017 में विश्व
रिकॉर्ड (लोंगेस्ट चेन ऑफ पेपर हाट्र्स) बनाया गया था। इस रिकॉर्ड को गिनीज
बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉड्र्स ने 26 मई 2017 प्रकाशित किया। रिकॉर्ड में
ऑर्गेनाईजेशन की ओर से कागज के 8,525 दिलों को जोड़कर मां के प्रेम से
जुड़े संदेश प्रसारित किए थे। यह 8,525 दिलों की श्रृंखला कुल 951.18 मीटर
लम्बी थी, जिसे लाल रिब्बन में पिरोकर रिकॉर्ड के रूप में प्रस्तुत किया
गया था।
हम
डॉटर्स आर प्रीशियश अभियान के जरिए प्रदेशभर में लगातार सफल हो रहे हैं।
लोगों में बड़े पैमाने पर जागरुकता आई है। जिसके चलते 101 सफल डिकॉय
ऑपरेशंस भी संभव हुए हैं। यह विश्व रिकॉर्ड इसी जागरुकता में एक और अहम कदम
होगा। इस रिकॉर्ड के जरिए हम बेटियां अनमोल हैं का संदेश देने में और अधिक
सफल होंगे।
नवीन जैन (आई.ए.एस.), मेंटर डॉटर्स आर प्रीशियस अभियान, राजस्थान
आज
भी ऐसे लाखों बच्चे हैं, जो कच्ची बस्तियों से ताल्लुक रखते हैं लेकिन
आर्थिक व सामाजिक विवशता की वजह से कभी स्कूल नहीं जा पाए। इन बच्चों को
उचित समय पर, शिक्षा से जोडऩा केवल सामाजिक जागरुकता से ही संभव है। यह
विश्व रिकॉर्ड एक मार्मिक अपील के तौर पर देखा जाए। हमें साथ मिलकर
जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा से जोडऩा चाहिए। उन्हें आगे बढ़ाने के प्रयास
में अपना योगदान देना चाहिए।
पंकज चौधरी (आई.पी.एस.), पुलिस अधीक्षक, स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो, राजस्थान
विश्व
रिकॉर्ड के जरिए हम समाज के हर वर्ग तक एक मार्मिक अपील करना चाहते हैं,
ताकि समाज जरूरत समझते हुए आगे आए और मददगार साबित हो। आज लाखों बच्चे हैं,
जो स्कूलों तक नहीं जा पाते। न उन्हें अक्षर ज्ञान है और न ही उनके परिवार
वाले पढ़ाने की जरूरत समझ रहे हैं। साथ ही राजस्थान में बड़े पैमाने पर
जन्म से पहले ही बच्चियों को कोख में मार दिया जाता है। उनकी रक्षा और समाज
में बेटियों की महत्ता के प्रति जागरुकता लाना इस रिकॉर्ड का मूल उद्देश्य
है।
प्रभा देवी, अध्यक्ष, पुष्प संस्थान
हम
सामूहिक प्रयासों की बदौलत निश्चित तौर पर क्रांति ला सकते हैं। यह
रिकॉर्ड कागज के दिलों पर संदेश लिखने वाली उस भावी पीढ़ी पर ही असर नहीं
छोड़ेगा, बल्कि उनके माता-पिता, घर के बड़े-बुजुर्गों को भी एक मुहिम से
जोड़ेगा। साथ ही हम बच्चों को स्कूलों तक पहुंचाने के अलावा बेटियों को
बचाने के लिए भी कहीं ज्यादा कारगर उपायों में सफल होंगे।
भूपेन्द्र सिंह शेखावत, सीईओ, हैल्दी फूड बाजार
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