जयपुर। भारत सरकार के राष्ट्रीय स्ट्रीट लाइटिंग कार्यक्रम के तहत देशभर में 21 लाख से अधिक पारंपरिक स्ट्रीट लाइट के स्थान पर एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाई गई हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 5 जनवरी 2015 को 100 शहरों में पारंपरिक स्ट्रीट और घरेलू लाइट के स्थान पर ऊर्जा दक्ष एलईडी लाइट लगाने के लिए इस राष्ट्रीय कार्यक्रम की शुरुआत की थी। सरकार का उद्देश्य राष्ट्रीय स्ट्रीट लाइटिंग कार्यक्रम के तहत 1.34 करोड़ स्ट्रीट लाइट के स्थान पर ऊर्जा दक्ष एलईडी लाइट लगाना है। इसके अंतर्गत राजस्थान में 7,04,891 पारंपरिक लाइट के स्थान पर एलईडी लाइट लगाई गई है। जिसके बाद अब इनसे हर साल 99,054,808 केडब्ल्यूएच बिजली की बचत होगी। राजस्थान के अलावा आन्ध्रप्रदेश में 5,86,037, दिल्ली में 2,64,185, गुजरात में 2,00,536 और गोवा में 94,856 लाइट लगाई गई है। 23 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में ये योजना कार्यान्वित की जा रही है। जिससे सालाना 295 मिलियन इकाई बिजली की बचत होगी। साथ ही 2.3 लाख टन कार्बन डाई आक्साइड का उत्सर्जन भी कम हुआ है। स्ट्रीट लाइट लगाने का पूरा पूंजी निवेश ईईएसएल करती है, इसलिए नगर पालिकाओं से अतिरिक्त बजट आबंटन की आवश्यकता नहीं है। नगर पालिकाएं सात वर्ष की अवधि में बिजली और प्रबंधन की लागत में बचत से जमा की गई राशि से ईईएसएल को भुगतान करती है। जिसके कारण एलईडी लाइटें सस्ती और सुलभ हुई है। ईईएलसी परियोजना के संपन्न होने पर सभी राज्यों में सामाजिक लेखा परीक्षा भी करती है।
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