जयपुर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया का नारा दे रखा है, और राज्य सरकार ने भी डिजिटल इंडिया को लेकर बड़ी-बड़ी बातें की है लेकिन राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम को आईटी नीति, आईटी सुरक्षा नीति, पासवर्ड नीति नहीं बनाने के कारण राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा। भारत के नियंत्रण-महालेखापरीक्षक की रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान रोडवेज ने ऑनलाइन आरक्षण प्रणाली यानी ओआरएस, ओआरएस के साथ इलेक्ट्रॉनिक टिकट जारी करने वाली मशीनों यानी ईटीआईएम्स के एकीकरण के लिए मुंबई की ट्राइमेक्स आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड सर्विसेज लिमिटेड को आउटसोर्स किया था। लेकिन अगस्त 2016 तक ओआरएस के साथ ईटीआईएम्स का एकीकरण नहीं हो सका। वहीं इस कार्य में परियोजना प्रबंधन, सिस्टम डिजाइन की कमियां सामने आई। इससे निगम के राजस्व पर वित्तीय प्रभाव पड़ा। इसके चलते किराये की कम वसूली, यात्रियों को अनाधिकृत तरीके से छूट दी गई। वहीं सॉफ्टवेयर की कमी के कारण ऑनलाइन आरक्षण प्रणाली ने बुकिंग विंडोज पर वर्ष 2014-2016 के दौरान 3710 मामलों में एक ही बस में दो यात्रियों को समान सीट नंबर का आवंटन कर दिया । इसके अलावा ओआरएस और ईटीआईएम्स के जरिये जारी किये गये टिकटों पर टोल फ्री नंबर और ईमेल पते को नहीं प्रदर्शित किया गया। वहीं सांसद और विधायक को जारी किए गए मुफ्त कूपनों से अधिक 6466 अवैध कूपनों से 19.84 लाख की मुफ्त यात्रा की गई। सीएजी ने राजस्थान रोडवेज को राजस्व की हानि को रोकने के लिए आईटी डाटा और लेखांकन डाटा के मिलान करने की सिफारिश की है।
सेलम में मोदी का दिखा अनोखा अंदाज, 11 शक्ति अम्माओं का मंच पर किया सम्मान
हरियाणा मंत्रिमंडल विस्तार: डॉ. कमल गुप्ता,सीमा त्रिखा, महिपाल ढांडा ने मंत्री पद की शपथ ली
उपेंद्र कुशवाहा से मिले विनोद तावड़े, लोकसभा की एक सीट के साथ ही एक MLC सीट भी मिलेगी
Daily Horoscope