सीकर। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय नीरज भारद्वाज ने मृत्युभोज के मामले में निगरानी याचिका पर परिवहन मंत्री युनूस खां के खिलाफ प्रसंज्ञान यथावत रखा है। न्यायालय ने इस मामले में अन्य आरोपितों को बरी कर दिया है। मामला वर्ष 2005 का है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रकरण के अनुसार यातायात मंत्री युनूस खां के पिता ताजू खां का निधन होने पर गनेड़ी गांव में मृत्युभोज का आयोजन किया गया था। इस मामले में पीयूसीएल संस्था के कैलाश मीणा की ओर से लक्ष्मणगढ़ के न्यायालय में राजस्थान मृत्युभोज निवारण अधिनियम के तहत परिवाद पेश किया गया। वर्ष २००८ में १७ अक्टूबर को न्यायिक मजिस्ट्रेट ने युनूस खां समेत दस जनों के खिलाफ प्रसंज्ञान ले लिया। इस पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के यहां इस मामले में निगरानी याचिका पेश की गई। परिवादी के अधिवक्ता अनुराग नारायण माथुर ने बताया कि इस मामले में न्यायालय ने युनूस खां के खिलाफ प्रसंज्ञान आदेश यथावत रखा है जबकि वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शौकत अंसारी, पूर्व विधायक भंवरलाल राजपुरोहित, तत्कालीन नागौर कलक्टर आलोक गुप्ता, तत्कालीन सीकर कलक्टर रामरख, तत्कालीन सीकर पुलिस अधीक्षक लक्ष्मीनारायण मीणा, तत्कालीन सीकर एएसपी सरवर खां समेत आठ लोगों के खिलाफ प्रसंज्ञान आदेश खारिज कर दिया है।
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