जयपुर।
अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेताओं को आउट आॅफ टर्न जाकर
आरएएस और आरपीएस की नौकरी मिलेगी। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की अध्यक्षता
में बुधवार को आयोजित केबीनेट की मीटिंग में इस इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बैठक
के बाद संसदीय कार्य मंत्री राजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि बैठक में
अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन करने वाली खेल प्रतिभाओं को
सरकार नौकरी देगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए तीन श्रेणियां बनाई गई है।
आॅलम्पिक, एशियन और कॉमनवैल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ियों
को राज्य प्रशासनिक सेवा आरएएस—राजस्थान पुलिस सेवा आरपीएस में सीधी
नियुक्ति दी जाएगी। इसी तरह इन गेम्स में रजत और कांस्य पदक जीतने वालों को
राजस्थान अधीनस्थ सेवा के पदों पर सीधी नियुक्ति दी जाएगी जबकि जो खिलाड़ी
नेशनल लेवल पदक जीतेंगे, पैरा आॅलम्पिक खेल, या अंतराष्ट्रीय स्तर पर रनर
अप रहेंगे उन्हें मंत्रालयिक सेवा के पदों पर सीधी नियुक्ति दी जाएगी।
राठौड़
ने बताया कि जिन खिलाड़ियों को नियुक्ति दी जाएगी उन्हें पांच साल में उस
पद के लिए जरुरी शर्तें पूरी करनी होगी। इस संबंध में यह भी तय किया है कि
इन नौकरियों के लिए खिलाड़ियों को पदक मिलने के तीन साल के भीतर आवेदन करना
होगा। इन पदों के लिए आयु सीमा की बाध्यता नहीं रहेगी।
बैठक में
चारागाह भूमि पर खनन की सशर्त मंजूरी देने का भी निर्णय लिया गया। इसके लिए
तय किया है खनन के लिए जितनी भूमि का डायवर्जन किया जाएगा उतनी ही सरकारी
भूमि चारागाह के नाम की जाएगी। इसके साथ ही खनन पट्टेधारी को 50 हजार रुपए
बीघा की दर से राशि पंचायत को देनी होगी। ये राशि गांव के विकास पर खर्च
होगी। राठौड़ ने बताया कि जनकल्याण के लिए यदि चारागाह भूमि ली जाएगी तो
उसके बदले अब उसी गांव में सरकारी भूमि देने के प्रावधान में बदलाव किया
है। ये भूमि अब ग्राम पंचायत क्षेत्र में दी जा सकेगी।
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