जयपुर। बेटी
बचाओ की दिशा में देशभर में आदर्श स्थापित कर चुके राजस्थान के
पीसीपीएनडीटी माडल से प्रभावित होकर उत्तरप्रदेश सरकार ने भी प्रारम्भिक
चरण में मुखबीर योजना शनिवार को लांच कर दी है। इस योजना के तहत भ्रूण लिंग
परीक्षण की सत्य सूचना पर कुल दो लाख तक की इनाम राशि दी जायेगी।
उत्तरप्रदेश में महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश के
पीसीपीएनडीटी ब्यूरो आफ इन्वेस्टीगेशन की तर्ज पर ही लिंग जांच पर
कार्यवाही के लिये विशेष सेल भी बनाने की कार्यवाही शुरू कर दी गयी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उल्लेखनीय
है कि गत पांच माह में उत्तरप्रदेश की पीसीपीएनडीटी टीम द्वारा चार बार
राजस्थान आकर बेटी बचाओ माडल का अध्ययन किया गया एवं दो बार राजस्थान की
टीम को उत्तरप्रदेश बुलाकर डिकॉय ऑपरेशन करने की कार्यशैली को फील्ड स्तर
पर लागू करवाया गया।
परियोजना निदेशक पीसीपीएनडीटी श्री रघुवीर सिंह
ने बताया कि मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन नवीन जैन के नेतृत्व
में टीम का मनोबल बढ़ा है और टीम बेहतर परिणाम मिल रहे हैं। उन्होंने बताया
कि उत्तरप्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख शासन सचिव ने जैन
से डिकाय कार्यवाही में मदद हेतु टीम भेजने का आग्रह किया। अतिरिक्त पुलिस
अद्यीक्षक रघुवीर सिंह के नेतृत्व में चार सदस्य टीम चार दिवसीय दौरे पर
उत्तरप्रदेश के बुलंद शहर में पहुंच कर स्थानीय जिला कलैक्टर व पुलिस
अधीक्षक के साथ बैठक कर स्थानीय स्तर की टीम बनाकर दो डिकॉय ऑपरेशन की
कारवाई को अंजाम दिया। राजस्थान की तर्ज पर ही एफआईआर दर्ज कर आरोपियों के
खिलाफ कारवाई की गई। इस कारवाई में लिप्त अभुयुक्तों की जमानत अभी तक नहीं
हो पाई है। सिंह ने बताया कि प्रदेश के बेटी बचाओ माडल का अन्य प्रदेशों
में लागू होना राजस्थान के लिये गर्व की बात है। उन्होंने बताया कि अब तक
हुए डिकॉय ऑपरेशन में 59 राजस्थान और 16 डिकॉय राजस्थान के बाहर किए गए
हैं। अब तक हुए 75 डिकॉय में राजस्थान टीम का नेतृत्व रहा और पंजाब,
हरियाणा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश व गुजरात में कार्रवाई की गई।
परियोजना
निदेशक ने बताया कि प्रदेश में पीसीपीएनडीटी एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन
के सकारात्मक परिणाम भी सामने आने लगे हैं। जबसे डिकॉय शुरु हुए हैं उसके
बाद लगातार लिंगानुपात में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने बताया कि जनगणना 2011
के अनुसार राज्य में लिंगानुपात 888 था। वर्तमान में पीसीटीएस आंकड़ों के
मुताबिक राज्य का जन्म पर बाल लिंगानुपात 939 हो गया है। विभाग की ओर से
लगातार बेटी बचाओ अभियान को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे
हैं।
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