जयपुर। हाईकोर्ट के सीजे प्रदीप नंद्राजोग ने कहा है कि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लोगों को कानूनी मदद दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है, लेकिन जब तक युवाओं को विधिक सेवाओं से नहीं जोड़ा जाता तब तक अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को लाभ नहीं पहुंच पाएगा। उन्होंने कहा कि खेलों के जरिए बच्चों को विधिक सेवा प्राधिकरण से जोड़ा जा रहा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
नंद्राजोग ने यह कथन शनिवार को राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से पिछले साल आयोजित खेल प्रतियोगिता के विजेता बच्चों के पुरस्कार वितरण समारोह में कहे। समारोह में रालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस केएस झवेरी ने कहा कि युवा हमारे एम्बेसडर हैं, जिनके जरिए विधिक सेवाओं को समाज के कमजोर वर्ग तक पहुंचाने का मार्ग सरल हो सकेगा। उन्होंने कहा कि खेलों के जरिए विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास संभव है।
जस्टिस अजय रस्तोगी ने कहा कि विद्यार्थियों को पारम्परिक शिक्षा के साथ विधिक शिक्षा भी दी जानी चाहिये जिससे बाल विवाह, मानव तस्करी और शोषण के खिलाफ जागरूकता बढ़ेगी और वे बढ़ा होने पर समाज में इसे आगे बढ़ाएंगे।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की पिछले साल नवंबर में स्कूली बच्चों के लिए स्कूल, ब्लॉक, जिला व संभाग स्तर पर आयोजित विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में प्रदेश के 1,49,219 स्कूली बच्चों ने भाग लिया था। खेलों में विजेता रहे स्कूली बच्चों को कार्यक्रम में पुरस्कृत किया गया।
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