जयपुर। आपदा राहत एवं प्रबन्धन मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने गुरुवार को विधानसभा में बताया कि राज्य सरकार काश्तकारों को फसल खराबे का पूरा मुआवजा शीघ्र ही उनके बैंक खाते में जमा करा देगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कटारिया ने शून्यकाल में उठाए गए मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुए कहा कि पूर्व में विभाग मुआवजे का पैसा कॉपरेटिव बैंक में भेज देता था और वह पैसा बैंक में कई साल तक रखा रहता था। यह पैसा समय पर किसानों को वितरित नहीं किया जाता था, इसलिए अब यह निर्णय लिया गया है कि यह पैसा सीधे किसानों के बैंक खाते में भिजवाया जाएगा, जिससे उन्हें समय पर राहत मिल सके।
कटारिया ने कहा फसल खराबा की एस्टीमेंट रिपोर्ट बनाकर भेजने में समय लगता है, परन्तु सड़क के एस्टीमेट रिपोर्ट आते ही जल्द कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि समय पर सूचना आने पर विभाग द्वारा कार्यवाही की जाती है, परन्तु रिपोर्ट देरी से आने पर सड़क मरम्मत का भुगतान करने में समस्या आती है।
कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में प्रावधान किया गया है कि यदि फसल बुवाई या कटाई के समय नष्ट व खराबा हो जाए तो बीमा का लाभ दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि खरीफ 2016 में पाली, जालौर, सिरोही एवं बाड़मेर के कुछ क्षेत्रों में खरीफ फसल के समय अधिक वर्षा से फसल नष्ट हुई थी। इन जिलों के प्रभावित बीमित किसानों को पहली बार 23 करोड़ 42 लाख रुपए मुआवजा के रूप में मिड टर्म क्लेम के रूप में दिए गए। पाली जिले की रोहट तहसील के 3 हजार 994 किसानों को 2 करोड़ 33 लाख रुपए मिड टर्म मुआवजे के रूप में दिए गए।
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