जयपुर। शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने मंगलवार को प्रदेश के 40 विद्यालयों के संस्था प्रधानों को राज्य स्तरीय स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के तहत 11-11 हजार रुपए का चेक और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस मौके पर उन्होंने कहा कि देश तभी स्वच्छ होगा जब विद्यालय स्वच्छ होंगे और इसीलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशभर में अनूठे ‘स्वच्छ विद्यालय’ अभियान की पहल की है। उन्होंने कहा कि गत वर्ष स्वच्छ विद्यालय के तहत राजस्थान का देश में दूसरा स्थान रहा था। इस संबंध में जिन विद्यालयों को राज्य स्तर पर चुना गया है, उनके नामांकन अब राष्ट्रीय स्तर पर भेजे जाएंगे। उम्मीद है कि इस बार भी प्रदेश के विद्यालय स्वच्छता में देशभर में अग्रणी रहेंगे।
देवनानी ने शिक्षा संकुल स्थित राजस्थान माध्यमिक शिक्षा अभियान के सभागार में आयोजित ‘राज्य स्तरीय स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार’ समारोह में कहा कि विद्यालयों के बच्चे स्वच्छ रहने की आदत डालेंगे तभी पूरा परिवार और समाज स्वच्छता की ओर आगे बढ़ेगा। उन्होंने स्वच्छ रहने-स्वस्थ रहने का आह्वान किया।
शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि यह सुखद है कि राज्य के जिन 40 विद्यालयों को स्वच्छता पुरस्कार के लिए चुना गया है, उनमें डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ के दूर दराज के विद्यालय सम्मिलित हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां बालक-बालिकाओं के लिए पृथक-पृथक शौचालय हैं। उन्होंने आह्वान किया कि स्वच्छता के लिए सभी स्तरों पर वातावरण निर्मित किया जाए। इसी से देश स्वच्छ और स्वस्थ रह सकेगा।
प्रमुख शिक्षा सचिव नरेशपाल गंगवार ने इस अवसर पर कहा कि राजस्थान में ‘स्वस्च्छ विद्यालय’ के तहत 13 हजार से अधिक विद्यालयों ने पुरस्कार के लिए नामांकन किया था। इनमें से 40 विद्यालयों का चयन किया गया है। स्वच्छता के लिए विद्यालयों में तेजी से जागरूकता बढ़ रही है। पिछली बार जिन 40 विद्यालयों का चयन कर राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार के लिए भेजा गया, उनमें से 15 का चयन देशभर के स्वच्छ विद्यालयों में हुआ था और इसी से राजस्थान स्वस्च्छ विद्यालय में देशभर में तीसरे स्थान पर आया था। इस बार भी प्रयास रहेगा कि राजस्थान देशभर में अग्रणी रहे।
इस मौके पर राजस्थान प्राथमिक शिक्षा परिषद के आयुक्त डॉ. जोगाराम, माध्यमिक शिक्षा विभाग की आयुक्त आनंदी और यूनिसेफ की राज्य प्रमुख सुलग्ना रॉय ने स्वच्छता को जीवन पद्धति बनाने पर जोर दिया। इससे पहले शिक्षा राज्य मंत्री देवनानी ने विद्यालयों में ‘गतिविधि आधारित अधिगम’ से संबंधित प्रकाशनों का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में इस तरह के नवाचारों को बढ़ावा दिया जाए, जिससे बच्चे सृजनात्मक रूप में सुदृढ़ हों।
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