जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने सरकारी अस्पतालों में आम मरीजों की घटती संख्या के लिए सरकार द्वारा बरती जा रही लापरवाही को जिम्मेदार बताया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पायलट ने कहा कि जहां पिछली सरकार के दौरान निशुल्क दवा व निशुल्क जांच योजना लागू किए जाने के बाद प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल सवाई मानसिंह चिकित्सालय में 25 लाख से भी अधिक मरीज स्वास्थ्य लाभ के लिए पहुंचते थे, जो इन योजनाओं के लागू होने के बाद डेढ़ सौ प्रतिशत की वृद्धि के रूप में दर्ज किया गया था, लेकिन इसके विपरीत भाजपा सरकार बनने के बाद गत चार साल में मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी का प्रतिशत सिर्फ 30 रहा है, जिससे साफ पता चलता है कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने जिन व्यवस्थाओं व नीतियों के साथ काम किया है, उसके कारण आम मरीजों को सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं मिलनी कम हो गई हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निशुल्क डायलिसिस योजना बंद हो चुकी है और सिटी स्केन व एमआरआई जैसी जांचों का निजीकरण किया जा चुका है। इसका खमियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है। उन्होंने कहा कि भामाशाह योजना का लाभ बीपीएल परिवारों को नहीं मिल रहा है, क्योंकि जिन परिवारों के नाम खाद्य सुरक्षा योजना में नहीं हैं, उन्हें भामाशाह कार्ड से चिकित्सा की सुविधा नहीं मिल रही है। प्रदेश की चिकित्सीय व्यवस्था की लचरता का ही परिणाम है कि सैकड़ों लोग मौसमी बीमारियों से फैली महामारी के कारण पूरे प्रदेश में मारे गए हैं।
पायलट ने कहा कि प्रदेश की मंत्री कह रही हैं कि लोगों की आदतें खराब हैं, इसलिए बड़ी तादात में नवजात बच्चों की मौतें हो रही हैं, जबकि सच्चाई यह है कि कुपोषण और मूलभूत चिकित्सीय सेवाओं के अभाव के कारण नवजात शिशु मर रहे हैं। गत चार वर्षों में प्रदेश की भाजपा सरकार ने पूरी चिकित्सा व्यवस्था ठप कर दी है और गत समय सेवारत चिकित्सकों के साथ किए गए समझौते को भी लागू नहीं कर सरकार आम जनता के हितों पर कुठाराघात कर रही है।
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