जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने राजस्थान दंड विधियां संशोधन विधेयक-2017 (काला कानून) को सरकार द्वारा वापस लिए जाने को कांग्रेस पार्टी, मीडिया एवं प्रदेश की जनता के संघर्ष की जीत बताया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पायलट ने कहा कि मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार को संस्थागत करने के उद्देश्य से काले कानून को लेकर आई थीं, जिसका कांग्रेस पार्टी, मीडिया एवं जनता ने पुरजोर तरीके से विरोध किया और इस क्रम में कांग्रेस पार्टी ने गिरफ्तारियां तक देकर सरकार पर दबाव बनाया था। चौतरफी आलोचना होने के बावजूद भाजपा सरकार हठधर्मिता अपनाकर भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए काला कानून लाने पर आमदा थी और इसे प्रवर समिति को विचार के लिए सुपुर्द कर रखा था। उन्होंने कहा कि गत उप चुनावों में हुई भाजपा की हार के साथ ही काले कानून को लेकर कांग्रेस के निरन्तर विरोध ने मुख्यमंत्री को काला कानून वापस लेने के लिए मजबूर किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार के हर विभाग में भ्रष्टाचार व्याप्त है और मंत्रियों द्वारा लेन-देन के मामले भी सामने आए हैं, इसलिए अब सरकार को जितने भी भ्रष्टाचार के मामले हैं उनकी जांच करवाकर भ्रष्टों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और भ्रष्टाचार को संरक्षण देने से बाज आना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को काला कानून लाने के लिए किए गए प्रयासों के लिए प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।
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