जयपुर। पूर्व जलदाय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि गत चार वर्षों में भाजपा सरकार के दौरान जलदाय विभाग की कार्यप्रणाली ने आम जनता को निराश किया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि जलदाय विभाग में एलईडी खरीद घोटाला सामाने आया है, जिसमें 9 वॉट की एलईडी जिसकी कीमत 80 रुपए थी, उसे लगभग 1000 रुपए से भी ज्यादा में खरीदा गया। इसी प्रकार 15, 20, 50 व 120 वॉट की एलईडी लाइटें बाजार कीमत से ज्यादा में खरीदी गईं। करोड़ों रुपए के इस घोटाले के अलावा भाजपा सरकार के इस कार्यकाल में पूर्व जलदाय मंत्री के करीबियों के अनियमितताओं में संलिप्तता के बड़े प्रकरण सामने आए हैं, जिनमें 150 करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार हुआ है। जलदाय विभाग की अनदेखी के कारण राजधानी सहित पूरे प्रदेश में दूषित पेयजल से मौतें हुई हैं। आज भी राजधानी की कई कॉलोनियों सहित प्रदेशभर के हजारों क्षेत्र सरकारी पेयजल की योजनाओं से वंचित हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्री चार वर्षों का जो लेखा-जोखा प्रस्तुत कर रहे हैं, उससे स्पष्ट हो जाता है कि प्रदेश में पेयजल की दरों को बढ़ाकर जनता पर बोझ डाला गया है, लेकिन जलदाय विभाग जनता को स्वच्छ पानी जैसी मूलभूत सुविधा उपलब्ध करवाने में पूरी तरह से नाकाम रहा है।
उन्होंने कहा कि गत कांग्रेस शासन के दौरान इंदिरा गांधी नहर से सीकर-झुंझुनूं व चंबल परियोजना से भरतपुर-अलवर के पानी से वंचित क्षेत्रों को जोड़ने के लिए वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति दे गई थी, परंतु भाजपा सरकार बनने के बाद से इस क्षेत्र में प्रगति नहीं हुई है।
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