जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में राजस्थान सरकार सहकारिता के मूल मंत्र ‘एक सबके लिए सब एक के लिए’ की राह पर चलते हुए राज्य के किसानों के उत्थान तथा उनके आर्थिक हितों के संवर्धन के लिए कृतसंकल्पित है। राज्य में सहकारी योजनाओं का अधिक से अधिक किसानों एवं लोगों को लाभ मिल सके, इसके लिए 22 सितम्बर से प्रदेश स्तर पर अभियान चलाकर 3 लाख से अधिक नए किसानों एवं अन्य लोगों को सहकारी समितियों से जोड़ा जाएगा। यह अभियान 31 अक्टूबर, 2017 तक चलेगा। यह जानकारी सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक ने गुरुवार को नई दिल्ली के विज्ञान केन्द्र में श्री लक्ष्मणराव इनामदार की स्वर्ण जयन्ती समारोह के अवसर पर आयोजित सहकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए दी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सहकारिता मंत्री ने बताया कि हमारा उद्देश्य राज्य में सहकारिता का दायरा बढ़ाकर गुणवत्तापूर्ण सहकारी सेवाओं के माध्यम से किसानों की वर्ष 2022 तक आय दुगुनी करने के लक्ष्य को प्राप्त करना है। इस दिशा में नए किसानों को सहकारिता से जोड़ना एक कदम है। किलक ने बताया कि राज सहकार व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना के तहत बीमा लाभ की राशि को 10 लाख रुपए तक बढ़ाया जाएगा।
30 लाख किसान जुड़े हैं सहकारिता से
किलक ने बताया कि वर्तमान में राजस्थान में 6 हजार 433 ग्राम सेवा सहकारी समितियों से लगभग 28 लाख किसान जुड़े हुए है। वहीं क्रय विक्रय सहकारी समितियों, उपभोक्ता भण्डार, प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों के सदस्य मिलाकर प्रदेश में 30 लाख से अधिक किसान सहकारी सदस्य हैं।
सहकारिता से जुड़ने से हैं लाभ
सहकारिता मंत्री ने बताया कि यदि कोई किसान ग्राम सेवा सहकारी समिति, क्रय-विक्रय सहकारी समिति या प्राथमिक भूमि विकास बैंक का सदस्य है तो सरकार द्वारा वितरित होने वाला ब्याज मुक्त फसली ऋण का लाभ ले सकता है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष सहकारिता विभाग 15 हजार करोड़ रुपए का बिना ब्याज का ऋण किसानों को दे रहा है, वहीं किसान को 27.50 रुपए में 6 लाख रुपए का बीमा, सहकार जीवन सुरक्षा बीमा योजना, सिंचित एवं असिंचित भूमि पर मात्र 9 प्रतिशत ब्याज दर पर 10 लाख रुपए तक का ऋण, 6.70 प्रतिशत ब्याज दर पर दीर्घकालीन कृषि ऋण तथा रियायती दर पर खाद-बीज, दवाइयां जैसी सुविधाएं मिल सकेंगी।
किलक ने बताया कि सहकारिता का स्वरूप सर्वसमावेशी है, इसलिए सरकार चाहती है कि सहकारी योजनाओं से ज्यादा से ज्यादा किसानों को लाभान्वित किया जाए और इस दिशा में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सदस्य बनाने में किसी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
रजिस्ट्रार एवं प्रमुख शासन सचिव सहकारिता अभय कुमार ने बताया कि विभाग की ओर से सहकारी संस्थाओं में सदस्यता अभियान के लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं। इसके लिए खण्डीय अतिरिक्त रजिस्ट्रारों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
सदस्यता के लिए चुकाने होंगे 110 रुपए
कुमार ने बताया कि पात्र व्यक्ति ग्राम सेवा सहकारी समितियों एवं लेम्पस, क्रय-विक्रय सहकारी समिति, प्राथमिक भण्डार, होलसेल भण्डार, प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक, बुनकर सोसायटी, महिला समिति, क्रेडिट एवं थ्रिफ्ट समिति सहित सभी प्राथमिक समितियों के सदस्यता के लिए 10 रुपए का सदस्यता शुल्क एवं 100 रुपए की हिस्सा राशि के साथ आवेदन करने पर सदस्यता प्राप्त कर सकता है।
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