जयपुर। शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि माध्यमिक विद्यालयों में चित्रकला एवं संगीत जैसे कला विषय बीएसटीसी के प्रशिक्षित अध्यापकों द्वारा पढ़ाए जा रहे हैं एवं इन विषयों को पढ़ाने के लिए अलग से कला अध्यापकों की आवश्यकता नहीं है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
देवनानी ने शून्यकाल में इस संबंध में उठाए गए मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुए बताया कि नई शिक्षा नीति 1986 के अंतर्गत चित्रकला एवं संगीत माध्यमिक शिक्षा पाठ्यक्रम में अनिवार्य विषयों के रूप में पढ़ाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी की 3 सितम्बर 2004 की अधिसूचना के तहत विद्यालयों में इसे सहशैक्षणिक गतिविधि के तौर पर पढ़ाया जाता है एवं सप्ताह में इसके केवल दो कालांश आते हैं।
शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि वर्तमान में यह विषय बीएसटीसी के प्रशिक्षित अध्यापकों द्वारा पढ़ाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि निशुल्क अनिवार्य कला शिक्षण की अधिसूचना 2011 के तहत विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समितियों को यह अधिकार दिए गए हैं कि वे अपने स्तर पर मानदेय पर इन विषयों की पढ़ाई की व्यवस्था कर सकते हैं। देवनानी ने कहा कि वर्तमान में इन विषयों का मूल्यांकन परीक्षाओं की श्रेणी में शामिल नहीं होता है एवं विद्यार्थियों को केवल ग्रेड प्रदान की जाती है।
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