जयपुर। शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने गुरुवार को
विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार पैराटीचर्स, मदरसा पैराटीचर्स एवं
शिक्षाकर्मियों के कल्याण के लिए लगातार प्रयास कर रही है। सरकार ने
संवेदनशीलता दिखाते हुए समय-समय पर इनके मानदेय में बढ़ोतरी की है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
देवनानी ने शून्यकाल के दौरान इस संबंध में उठे मुद्दे पर हस्तक्षेप करते
हुए कहा कि प्रबोधक केडर बनाकर अधिकतर पैराटीचर्स का समायोजन किया गया
जिन्हें तृतीय श्रेणी शिक्षक के समान वेतनमान दिया जा रहा है। शेष रहे 4164
में से 2822 पैराटीचर्स अप्रशिक्षित हैं। इनकी नियुक्ति जारी रखते हुए
समय-समय पर मानदेय में वृद्धि की गई। इन्हें वर्तमान में 7150 रुपए मानदेय
दिया जा रहा है।
शिक्षाकर्मियों के संबंध में देवनानी ने बताया कि प्रदेश में 8532 शिक्षाकर्मियों में से 3279
प्रबोधक एवं 1194 को लोक सेवा आयोग के माध्यम से स्थाई नियुक्ति मिल गई।
शेष रहे 4049 शिक्षाकर्मियों को वरिष्ठतम्, वरिष्ठ एवं सामान्य में विभक्त
कर समय-समय पर मानदेय में वृद्धि की गई। वरिष्ठतम् शिक्षाकर्मी को 15429,
वरिष्ठ को 13366 एवं सामान्य शिक्षाकर्मी को 8470 रुपए मानदेय दिया जा रहा
है।
देवनानी ने बताया कि अनुबंधित मदरसा
पैराटीचर्स सीधे राज्य सरकार के कार्मिक नहीं है। यह दूसरे देशों से वित्त
पोषित योजना थी। इनके मानदेय के लिए स्वीडन एवं ब्रिटेन से क्रमशः 90 एवं
75 फीसदी अनुदान मिलता था जो 2005 में बन्द हो गया। इससे यह योजना बन्द
होने के कगार पर पहुंच गई थी, लेकिन राज्य सरकार ने मदरसा पैराटीचर्स को
बेरोजगार होने से बचाने के लिए सौ फीसदी बजट का प्रावधान किया और मानदेय की
व्यवस्था की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पैराटीचर्स, मदरसा पैराटीचर्स
एवं शिक्षाकर्मियों के मानदेय में समय-समय पर बढ़ोतरी कर उनके कल्याण के लिए
लगातार प्रयास कर रही है।
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