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जयपुर में यूडी टैक्स वसूली में फेल कंपनी को फिर टेंडर में फायदा पहुंचाने में जुटा स्वायत्त शासन निदेशालय

In Jaipur, the Directorate of Autonomous Governance engaged in benefiting the failed company in UD tax recovery in the tender again - Jaipur News in Hindi

जयपुर। भारत सरकार से अनुदान अटकने की आशंका के बावजूद राज्य के अधिकांश नगरीय निकाय यूडी टैक्स की वसूली नहीं कर पाए हैं। अभी भी लगभग सभी नगरीय निकाय ऐसे हैं जिन्होंने पिछले 20 सालों में इस कार्य के लिए कोई रुचि नहीं ली है। यहां तक कि यूडी टैक्स वसूली के लिए जीआईएस पद्धति आधारित पीटीआईएमएस सॉफ्टवेयर तैयार करने के लिए टेंडर तक नहीं किए हैं। जबकि राष्ट्रीय वित्त आयोग और अमरूत योजना के अंतर्गत नगरीय निकायों को इसका पालन करना जरूरी है। स्थानीय निदेशालय मार्च-2022 में सभी स्थानीय निकायों को अपने स्तर पर टेंडर करके यह काम करवाने के लिए अधिकृत कर चुका है। कई निकायों ने टेंडर कर भी लिए हैं।

विधानसभा में हाल ही अनुदान मांगों पर बहस के दौरान एक कटौती प्रस्ताव के जवाब में यह जानकारी दी गई। राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि भारत सरकार की अमरुत योजना के अंतर्गत ही टेंडर लगाने हैं। भारत सरकार की गाइड लाइन के मुताबिक यह काम जीआईएस पद्धति पर ही किया जाना है।

उल्लेखनीय है कि राजस्थान के अधिकांश नगरीय निकाय वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं। क्योंकि इनकी निजी आय बहुत कम है और ज्यादातर अनुदान पर निर्भर हैं। इन्हें संकट से उबारने के लिए वित्त आयोग औऱ केंद्र सरकार ने निजी आय बढ़ाने को कहा है। इसमें यूडी टैक्स की वसूली सबसे अहम है। कुछ राज्यों में जिन नगरीय निकायों ने यूडी टैक्स की वसूली जीआईएस पद्धति आधारित ड्रोन मैपिंग के आधार पर टैक्स वसूली शुरू की है, उनकी आर्थिक सेहत अब सुधर रही है। अगले 3 सालों में जयपुर, जोधपुर और कोटा को बतौर अनुदान काफी पैसा मिलना है।

कंपनी विशेष के लिए आमंत्रित टेंडर में क्राइटेरिया बदलवा रहा स्वायत्त शासन निदेशालयः
सूत्रों के मुताबिक जयपुर नगर निगम में यूडी टैक्स की वसूली कर रही एक फर्म विशेष पर स्वायत्त शासन निदेशालय मेहरबान है। इस फर्म के चाहे अनुसार न केवल गाइड लाइन को दरकिनार करके न्यूनतम योग्यता का क्राइटेरिया ही बदला जा रहा है। बल्कि अब टेंडर की शर्तें इस तरह से बनाने को कहा जा रहा है जिससे इस कंपनी विशेष को ही टेंडर मिल सके। इसमें जीआईएस पद्धति के बजाय जियो टैगिंग, तकनीकी अनुभव का वेटेज 80 प्रतिशत से घटाकर 50 प्रतिशत करने के अलावा वार्षिक टर्नओवर की राशि बढ़ाए जाने पर जोर दिया जा रहा है। जबकि भारत सरकार की गाइड लाइन के मुताबिक तकनीकी वेटेज के 80 और फाइनेंशियल टर्नओवर के 20 प्रतिशत अंक दिए जाने हैं।

जयपुर में पूरे नहीं हो रहे यूडी टैक्स वसूली के टारगेटः

उल्लेखनीय है कि जयपुर में यूडी टैक्स वसूली का काम नगर निगम ने प्राइवेट कंपनी स्पैरो सॉफ्टटैक प्राइवेट लिमिटेड को दिया हुआ है। इस कंपनी को टेंडर दिए जाने पर नगर निगम की राजस्व शाखा के अधिकारी-कर्मचारी कई बार आपत्तियां जता चुके हैं। क्योंकि यह कंपनी यूडी टैक्स वसूली के अपने टारगेट कभी पूरे नहीं कर पाई है। इसके लिए कंपनी पर पैनल्टी लगनी चाहिए। लेकिन, स्वायत्त शासन निदेशालय के दबाव में राजस्व शाखा के अधिकारियों के प्रयासों से हुई वसूली का पैसा भी कंपनी के खाते में डाला जा रहा हैं। ताकि कंपनी को पैनल्टी वसूली से बचाया जा सके। राजस्व अधिकारियों के प्रयासों से हुई वसूली का प्राइवेट कंपनी को कमीशन भुगतान भी किया जा रहा है। इधर, टैक्स वसूली के टारेगट पूरे नहीं करने को लेकर नगर निगम आयुक्त भी कंपनी के प्रतिनिधियों को फटकारने के साथ ही बीबीजी की तरह हटाने की चेतावनी दे चुके हैं। इसके बावजूद स्वायत्त शासन निदेशालय के अफसर अब फिर से टेंडर की शर्तें बदलकर स्पैरो कंपनी को फायदा पहुंचाने की जुगत में लगे हैं।

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Web Title-In Jaipur, the Directorate of Autonomous Governance engaged in benefiting the failed company in UD tax recovery in the tender again
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