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CM वसुंधरा राजे ने बजट बहस पर दिया जवाब, नई घोषणाएं भी कीं

जयपुरमुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सोमवार कोे विधानसभा में बजट प्रस्तावों पर विपक्ष की आपत्तियों का जवाब देते हुए सीआरपीसी में संशोधन वाले बिल को विधानसभा की प्रवर समिति से वापस लेने की घोषणा की। वहीं सीएम राजे ने कुछ नई घोषणाएं कर प्रदेशवासियों को कई सौगातें दी हैं। सीएम राजे के द्वारा बजट बहस पर दिए जवाब के प्रमुख बिंदु इस तरह से हैं....

किसानों के लिए...


- राजस्थान राज्य कृषक ऋण राहत आयोग का स्थायी रूप से होगा। आयोग को वैधानिक दर्जा देने के लिए कानून बनेगा, ताकि आयोग को पूर्ण रूप से कानूनी संरक्षण मिल सके।

- किसानों की कर्ज माफी के संबंध में उच्च स्तरीय अन्तर्विभागीय कमेटी बनाई जाएगी। यह कमेटी निम्न महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर भी विचार करेगी। इनमें पहला बिंदु किन श्रेणियों के किसानों को इसके दायरे में लाया जाना है ? दूसरा बिंदु किसानों को किस सीमा तक और किस प्रकार से राहत दी जानी है ? तथा तीसरा बिंदु अगर गैर सहकारी बैंक या अन्य बैंकों को आयोग के दायरे में शामिल किया जाना है तो उसकी शर्तें क्या होंगी ? शामिल हैं।

- किसानों की कर्ज संबंधी समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए राज्य सरकार की यह एक ऐतिहासिक पहल है।

- वर्तमान में श्रीगंगानगर के काश्तकारों को गेट एरिया एवं आउट गेट एरिया के आधार पर गन्ने की क्रय दरों का भुगतान किया जा रहा है, यह वर्गीकरण समाप्त किया जाएगा।

- पड़ोसी राज्यों में प्रचलित दरोें और गन्ना उत्पादक किसानों की मांग को देखते हुए वर्ष 2017-18 के लिए अगेति, मध्यम एवं पचेति श्रेणी के गन्ने के लिए क्रमशः 310, 300 एवं 295 रुपए प्रति क्विंटल की क्रय दर के अनुसार गन्ना किसानों को भुगतान किया जाएगा।

- वर्तमान सरकार ने लघु एवं सीमांत किसानों की 50 हजार रुपए तक एकबारीय कर्ज माफी की घोषणा की है, जो राज्य के इतिहास में पहली बार हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिपक्ष हमारे इस फैसले पर सवाल उठाने से पहले यह जान ले कि पिछले 50 साल के शासन में कभी किसानों की चिंता नहीं हुई।

- केंद्र में जब यूपीए सरकार ने जब लघु एवं सीमांत किसानों का 71 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया था, तब प्रति राज्य औसतन 2 हजार 500 करोड़ रुपए का ही कर्ज माफ हुआ था।

- वर्ष 2008 की कर्ज माफी में भी सहकारी क्षेत्र में मात्र 4 लाख 91 हजार किसानों का 868 करोड़ रुपए का कर्ज माफ हुआ, जबकि वर्तमान सरकार की कर्ज माफी की घोषणा से 20 लाख से भी अधिक किसानों का 8 से 9 हजार करोड़ रुपए का कर्ज माफ होगा और उन्हें राहत मिलेगी।

- वर्तमान सरकार की कर्ज माफी की घोषणा से 70 प्रतिशत से अधिक ऋणी किसान लाभान्वित होंगे। पिछली सरकार ने 5 साल में केवल 25 हजार करोड़ का फसली ऋण दिया, जबकि वर्तमान सरकार ने अब तक करीब 62 हजार करोड़ रुपए का ऋण उपलब्ध कराया है जो वर्ष 2018-19 की समाप्ति तक 80 हजार करोड़ रुपए से अधिक हो जाएगा। यह प्रदेश में किसी भी सरकार द्वारा पहली बार उठाया गया ऎतिहासिक कदम है।

- पिछली सरकार के समय सहकारी भूमि विकास बैंक द्वारा 12.10 प्रतिशत की दर पर कृषि ऋण दिया जाता था, जिसे वर्तमान सरकार ने ही घटाकर पहले 7.10 प्रतिशत किया और अब एक जनवरी, 2018 से इसे 5.5 प्रतिशत कर दिया है। इसका फायदा लाखों किसानों को मिलेगा।

- ब्याज मुक्त फसली ऋण लेने वाले सभी 25 लाख किसानों को सहकार व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा से जोड़ा गया है। वर्तमान सरकार ने बीमा कवर 50 हजार रुपए से बढ़ाकर 6 लाख रुपए किया था, जिसे अगले वित्तीय वर्ष से बढ़ाकर 10 लाख रुपए किया जाएगा।

- वर्तमान सरकार ने अलग-अलग मदों में किसानों को कुल 38 हजार करोड़ का अनुदान दिया है। इसका फायदा लाखों किसान परिवारों को मिला है।

- कृषि एवं सहायक क्षेत्रों में 8 हजार 226.43 करोड़ का प्रावधान इस बजट में किया गया है, जो वर्ष 2012-13 के 3 हजार 50 करोड़ की तुलना में करीब तीन गुना है।

- वर्तमान सरकार के कार्यकाल में किसानों के लिए विद्युत दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई, विद्युत नियामक आयोग ने जो राशि बढ़ाई, उससे आने वाला करीब 28 हजार करोड़ रुपए का भार सरकार ने क्रॉस सब्सिडी के माध्यम से अपने ऊपर ले लिया।


अध्यादेश सलेक्ट कमेटी से वापस...

- दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 और भारतीय दंड संहिता, 1860 में संशोधन के लिए (राजस्थान संशोधन) अध्यादेश, 2017 को वर्तमान सरकार ने लैप्स होने दिया। यह अध्यादेश कभी कानून बना ही नहीं, अब सरकार इसे सलेक्ट कमेटी से भी वापस लेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अध्यादेश को लेकर माहौल बनाने वाले प्रतिपक्ष को पहले देश के इतिहास के सबसे काले अध्याय इमरजेंसी के लिए माफी मांगनी चाहिए।

बजरी खनन पर नई नीति बनेगी...

- राज्य सरकार बजरी खनन से संबंधित नई नीति बनाएगी। छोटे-छोटे खनन पट्टे देकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभान्वित किया जाएगा। पिछली सरकार ने चुनाव से ठीक पहले हजारों वर्ग किलोमीटर के तहसील स्तरीय एकल पट्टे बिना पर्यावरणीय स्वीकृति के जारी कर दिए थे।

- पूर्ववर्ती सरकार के शासन में 128 खनन पट्टों के लिए 22 एलओआई धारकों से 25 नवम्बर, 2013 को अनुबंध किया गया, जबकि एक दिसम्बर को चुनाव होना था। पिछली सरकार ने ही बजरी खनन से संबंधित कानून में बदलाव किया, जिसके फलस्वरूप आज इतनी समस्याएं आ रही हैं।


नाबालिग से ज्यादती रोकने के लिए कठोर कानून...

- बच्चियों की सुरक्षा हमारा पहला दायित्व है। नाबालिग बच्चियों के साथ ज्यादती की घटनाओं को रोकने के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में संशोधन कर ज्यादती के ऎसे मामलों में कठोर से कठोर सजा, यहां तक कि मृत्यु दंड का प्रावधान किया जाएगा।

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Web Title-Important point of reply to Chief Minister Vasundhara Raje in budget debate
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