जयपुर। राजस्थान मोटरयान प्रदूषण ऑनलाइन जांच केन्द्र योजना-2017 के अन्तर्गत प्रथम चरण में जयपुर जिले में 19 अगस्त से वाहनों के प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र केवल ऑनलाइन ही जारी किए जाएंगे। इसके लिए जिले के सभी 151 अधिकृत केन्द्रों को नेटवर्किंग के माध्यम से जोड़ा जा चुका है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
परिवहन मंत्री यूनुस खान ने बताया कि प्रदेश के अधिकृत प्रदूषण जांच केन्द्रों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता एवं एकरूपता के लिए राज्य सरकार ने बजट वर्ष 2016-17 में इन जांच केन्द्रों को नेटवर्किंग के माध्यम से जोड़ने की घोषणा की थी। इस संबंध में परिवहन विभाग द्वारा राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्स्ट्रूमेन्ट्स लिमिटेड (आरईआईएल) से एग्रीमेंट किया गया है। योजना के द्वितीय चरण में अगले तीन माह में अन्य जिलों में स्थापित करीब 1000 अधिकृत प्रदूषण जांच केन्द्रों को भी नेटवर्किंग के माध्यम से जोड़ दिया जाएगा।
परिवहन विभाग के प्रमुख शासन सचिव एवं आयुक्त शैलेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि अधिकृत ऑनलाइन प्रदूषण जांच केन्द्रों पर नेटवर्किंग के लए इन्टरनेट कनेक्टिविटी, विन्डोज युक्त कम्प्यूटर आदि सभी आवश्यकताएं पूरी कर ली गई हैं। वाहन प्रदूषण जांच के बाद जारी प्रमाण पत्र पर वेरीफिकेशन के लिए क्यू.आर.कोड होगा, जिसे स्कैन कर प्रमाण पत्र को सत्यापित किया जा सकेगा।
परिवहन आयुक्त अग्रवाल ने बताया कि निर्धारित समयावधि में प्रदूषण जांच नहीं कराने वाले वाहनों पर निर्धारित फीस के साथ पेनल्टी राशि भी देय होगी। दोपहिया वाहनों पर एक माह तक विलम्ब पर 200 रुपए एवं एक माह से अधिक विलम्ब पर 500 रुपए की पेनल्टी होगी। इसी प्रकार चौपहिया वाहनों पर एक माह के विलम्ब पर 500 रुपए एवं एक माह से अधिक विलम्ब पर 1000 रुपए की पेनल्टी देय होगी। प्रदूषण जांच केन्द्रों को ऑनलाइन किए जाने के बाद वाहन की प्रदूषण जांच पर सर्वर द्वारा पूर्ण निगरानी रखी जाएगी। ऎसे में प्रदूषण जांच केन्द्र टर्मिनल की तरह काम करेंगे तथा इन केन्द्रों पर अनियमितता की संभावना नगण्य होगी।
अग्रवाल ने बताया कि वाहन निर्माता के अधिकृत वर्कशॉप पर भी प्रदूषण जांच सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक अधिकृत वाहन डीलर के वर्कशॉप पर प्रदूषण जांच केन्द्र स्थापित करना आवश्यक होगा। इन अधिकृत वर्कशॉप पर आने वाले प्रत्येक वाहन की प्रदूषण जांच की जाएगी तथा प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। इसी प्रकार परिवहन कार्यालयों में वाहनों से संबंधित प्रत्येक कार्य जैसे फिटनेस, नवीनीकरण, एन.ओ.सी., पता बदलना, डूप्लीकेट आदि कार्यों के लिए भी वैध प्रदूषण नियत्रंण प्रमाण पत्र आवश्यक होगा। मोबाइल प्रदूषण जांच वैन पर जी.पी.एस. के माध्यम से कार्यक्षेत्र पर निगरानी रखी जाएगी। इसके साथ ही आमजन में वाहन जनित प्रदूषण के संबंध में जागरुकता के लिए अलग फंड बनाया गया है, जिसे समिति के माध्यम से व्यय किया जाएगा।
विशेष मोबाइल एप से एसएमएस रिमाइंडर, ई-सर्टिफिकेट
परिवहन आयुक्त ने बताया कि प्रदूषण ऑनलाइन जांच के लिए एक मोबाइल एप विकसित किया गया है। इस एप पर निकटतम प्रदूषण जांच केन्द्रों की लोकेशन उपलब्ध हो सकेगी। इसके माध्यम से शिकायत या सुझाव भी प्राप्त किए जा सकेंगे। इसके अलावा वाहन स्वामियों को प्रदूषण जांच का एसएमएस द्वारा ई-सर्टिफिकेट भी प्राप्त होगा, जो वाहनों की जांच के समय मोबाइल पर दिखाने पर मान्य रहेगा। इतना ही नहीं प्रमाण पत्र की अवधि समाप्त होने से पूर्व भी रिमाइन्डर एस.एम.एस. प्राप्त होगा।
ऑनलाइन प्रदूषण प्रमाण पत्र की दरें
परिवहन आयुक्त अग्रवाल ने बताया कि पेट्रोल चलित दोपहिया वाहनों के लिए प्रदूषण प्रमाण पत्र की दर 50 रुपए, तिपहिया एवं चौपहिया वाहन (पेट्रोल/एल.पी.जी./सी.एन.जी.) के लिए 60 रुपए एवं डीजल वाहन के लिए 100 रुपए निर्धारित की गई है।
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