जयपुर। रामगंज में हुए मामूली विवाद से हालात इतने बेकाबू हो गए कि एसटीएफ, और आरएसी और सीआरपीएफ की टीमों को लाना पड़ गया। प्रत्यदर्शियों के मुताबिक इन हालात के लिए कुछ हद तक पुलिस की राठौडी कार्रवाई भी जिम्मेदार है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मौके पर मौजूद एक शख्स ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि पुलिस जब ई रिक्शा चालक को हटा रही थी तो डंडा गिरने से बाइक सवार युवक गिर गया। उसकी पत्नी और बच्चा भी गिर गया। इसके बाद जब वाद विवाद होने लगा तो पुलिस ने युवक को शांत करने की बजाय उस पर दादागिरी दिखाई। उसे थाने ले गई और एक घंटे तक नहीं छोड़ा। उसके साथ सही बर्ताव नहीं किया गया। बाद में युवक के मित्र, परिजन और रिश्तेदार थाने पहुंच गए। वे पुलिस कांस्टेबल के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे। इस बीच वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उनका गुस्सा शांत करने की तो कोशिश की लेकिन कोशिश सफल नहीं हुई। इस बीच किसी उपद्रवी तत्व ने पत्थरबाजी की और पास के बिजली घर में आग लगा दी।
धीरे-धीरे करके भीड़ बेकाबू हो गई और पत्थरबाजी, आगजनी जैसी घटना हुई। पुलिस के अफसर मौके पर ही वहां के प्रतिष्ठित लोगों को बुला कर सुलह करा लेते तो इतना बड़ा हादसा नहीं होता।
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