जयपुर। जनता की समस्याऐं नही सुनने वाले पुलिसकर्मियों पर भी लगाम कसेगी। अगर कोई भी पुलिसकर्मी किसी की व्यक्ति की समस्या नहीं सुनता है तो वह जिले की पुलिस जवाबदेही समिति के समक्ष अपनी समस्या रख सकता है, ताकि उसे न्याय मिल सके। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इसको लेकर गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने मंगलवार को सचिवालय में राज्य पुलिस जवाबदेही समिति के कार्यों की समीक्षा बैठक की। बैठक में निर्णय लिया गया कि इन समितियों को ताकतवर बना ये बिना पुलिस व्यवस्था पर नियत्रंण संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की मंशा है कि आम आदमी को न्याय मिले।
बैठक में राज्य पुलिस जवाबदेही समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत जस्टिस जी.एल. गुप्ता ने सुझाव दिया कि जिले की पुलिस जवाबदेही समितियों को अधिकार सम्पन्न बनाने के लिये पर्याप्त बजट एवं भत्ते उपलब्ध कराया जाना जरूरी है ताकि वे अपने कार्यों को मुस्तैदी से पूरा कर सके। उन्होंने समितियों के नियमों में आवश्यक संशोधन के संबंध में भी सुझाव दिये। वहीं कटारिया ने कहा कि पुलिस व्यवस्था में जहां कहीं कमियां आ रही है, उनके निराकरण के लिये जिला एवं राज्य स्तरीय पुलिस जवाबदेही समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
उन्होंने बताया कि गत 6-8 माह पूर्व राज्य के सभी जिलो ंमें पुलिस जवाबदेही समितियों का गठन हो चुका है और उनके द्वारा आमजन से पुलिसकर्मियों के विरुद्ध प्राप्त परिवादों का निस्तारण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पुलिस थाने में यदि कोई एफआईआर दर्ज करने से मना करता है या अनावश्यक विलंब करता है ता इसकी शिकायत भी वह जिले की पुलिस जवाबदेही समिति को कर सकता है। ये समितियां उसकी परिवेदना पर प्राथमिकता से विचार कर निस्तारण करेगी।
प्रमुख शासन सचिव दीपक उपे्रती ने कहा कि अन्य राज्यों की पुलिस जवाबदेही समितियों के कानूनी नियमों का अध्ययन करने के बाद ही राज्य की पुलिस जवाबदेही समितियों के कानून में भी संशोधन किया जायेगा।
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