जयपुर। अलवर जिले के सरिस्का बाघ परियोजना में बाघों के शिकार प्रकरण
में वांछित अपराधियों को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया हैं। सरिस्का
बाघ परियोजना कि उप वन संरक्षक मोनाली सेन ने बताया कि सूत्रों से मिली सूचना के आधार पर क्षेत्रीय वन अधिकारी अजबगढ़ के
नेतृत्व में जगन्नाथपुरा चौराहा के पास छापा मारकर बाघ शिकार के वांछित
अपराधी ग्यारसा पुत्र नाथूराम बावरिया निवासी कालेड़ एवं एक अन्य संदिग्ध
व्यक्ति प्रभू दयाल बावरिया घूम रहे हैं। पकड़े गये अपराधियों से पूछताछ की जा रही है। पूछताछ के बाद अन्य
प्रकरणों में भी सफलता मिलने की संभावना है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उल्लेखनीय
है कि बाघ शिकार के प्रकरणों मेें सागर के ऊपर जंगल में बन्दूक की गोली
से बाघ का शिकार करना व खाल की खरीद फरोख्त करना बताया गया है। इस मामले
में कल्या पुत्र लादया बावरिया साकिन चांदेरा पीएस कोलवा एवं अन्य के
विरूद्ध एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें पूछताछ के दौरान कल्या बावरिया द्वारा
शिकार में शामिल व्यक्तियों में ग्यारसा पुत्र नाथूराम बावरिया निवासी
कालेड को भी शामिल होना बताया गया है, जो आज तक भी फरार चल रहा था।
अलवर
जिले में स्थित सरिस्का बाघ परियोजना पूर्व से ही बाघों के लिए विख्यात
आश्रय स्थली रही है जिसमें काफी संख्या में बाघ, बघेरा, जंगली सूअर, जरख,
चीतल, सांभर एवं अन्य वन्य जीव निवास करते है, जिन्हें देखने के लिए
देशी-विदेशी पर्यटक काफी संख्या में सरिस्का भ्रमण हेतु आते है।
सरिस्का
के बाघ विहीन होने पर कई जांच एजेन्सियों हरकत में आई एवं सरिस्का प्रशासन
द्वारा बाघों के लुप्त होने के मामलों में बाघ शिकार के 13 प्रकरण दर्ज
किये गये जिसमें काफी संख्या में अपराधी भी गिरफ्तार किये गये गये ।
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