जयपुर। वासंती पर्व होली अाज से 7 वें दिन है। घर-घर होली की तैयारियां चल रही हैं। बच्चों ने सेलिब्रेशन की प्लानिंग कर ली है। 1 मार्च को हालिका दहन और इसके अगले दिन 2 मार्च को धूलंडी है। बच्चों में धूलंडी को लेकर बहुत उत्साह है। हालांकि एग्जाम चलने के कारण उत्साह में थोड़ी बहुत कमी आई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बात करते हैं 1 मार्च को होलिका दहन की। यह कब किया जाना चाहिए। शुभ मुहूर्त क्या है। शाम 7:41 बजे होलिका दहन का मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ रहेगा। सुबह 8:58 से रात 7:40 बजे तक भद्रा काल रहेगा। इस काल में होलिका दहन नहीं किया जाता।
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि होलिका के मौके पर इस पर संयोगवश पूर्णिमा गुरुवार के दिन पड़ रही है। इस तिथि-वार का संयोग कभी कभार बनता है। ऐसे संयोग के मौके पर होलिका दहन से पूर्व पूजन विधि अनुरूप करने से जातक को विशेष लाभ मिलेगा।
होलिका दहन के अगले दिन रंगों का पर्व धुलंडी धूम-धाम से मनाया जाएगा। इस दिन बच्चे-बूढे़ और जवान सभी एक रंग में रंग जाते हैं। सभी भेदभाव समाप्त हो जाते हैं।
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