जयपुर। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री किरण
माहेश्वरी की पहल पर राज्य सरकार ने सोसायटी द्वारा संचालित प्रदेश की तीन
अभियांत्रिकी महाविद्यालयों को स्वयं संचालित करने का निर्णय लिया है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में यह अपने आप में अनूठा मामला है, जब सरकार ने
आगे होकर व्यवहारिक परेशानी को सुलझाने की कोशिश की है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रथम
चरण में बारां, अजमेर और झालावाड़ की तीनों अभियांत्रिकी महाविद्यालयों के
संचालन की जिम्मेदारी राज्य सरकार ने ली है। इससे पूर्व राज्य सरकार ने सभी
इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में भवन निर्माण कर स्ववित्त पोषण के माध्यम से
शिक्षण व्यवस्था की व्यवस्था दी थी। राज्य सरकार के अधीन आने के बाद न
केवल इन कॉलेजों में शिक्षण व्यवस्था मजबूत होगी वहीं छात्र-छात्राओं को
प्रयोगशाला व अन्य सुविधाएं भी मिलने लगेंगी।
माहेश्वरी ने बताया कि अब तक राज्य के सभी 12 इंजीनियरिंग कॉलेज स्ववित्त
पोषण (एसएफएस) के आधार पर संचालित हो रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ वर्षो में
इंजनियरिंग के क्षेत्र में छात्र-छात्राओं की कम दिलचस्पी के चलते इन
कॉलेजों की वित्तीय स्थिति बुहत अच्छी नहीं रही। ऎसे में स्टाफ व
प्रयोगशालाओं को और अधिक बेहतर करने के विभाग के आला अधिकारियों से चर्चा
की गई और इस बारे में सुझाव मांगे गए। राज्य सरकार ने कॉलेजों में
गुणवत्तायुक्त शिक्षण की मजबूती के लिए यह निर्णय लिया।
तकनीकी
शिक्षा मंत्री ने बताया कि कि प्रथम चरण में राजकीय अभियांत्रिकी
महाविद्यालय, बारां, राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय, झालावाड़, राजकीय
महिला अभियांत्रिकी महाविद्यालय, अजमेर को राज्य सरकार द्वारा संचालित किया
जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के हर तबके के छात्रों को
गुणवत्तायुक्त शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
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