जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने 18 शहरों में प्रदेश सरकार द्वारा भूमि की नियमन दरों को बढ़ाये जाने को महंगाई बढ़ाने वाला कदम बताया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पायलट ने कहा कि प्रदेश सरकार के नगरीय विकास विभाग ने 18 शहरों की सरकारी, सिवायचक व अवाप्त भूमि की नियमन दरें बढ़ा दी है जिससे महंगाई बढऩे के साथ ही आम आदमी के घर बनाने के सपने पर पानी फिर गया है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से जमीनों की कीमत बढऩे के साथ ही भूखण्डों का नियमन भी महंगा हो जाएगा जिससे आमजनता, बिल्डर व विकासकर्ता को डेढ़ गुना तक ज्यादा शुल्क देना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ घर बनाने की कीमत महंगी होगी वरन् उद्योग लगाना भी महंगा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की उदासीनता के चलते बजरी खनन पर रोक लग चुकी है जिसकी वजह से बजरी के दाम चार गुना तक बढ़ चुके है। उन्होंने कहा कि सरकार की इस नीति के कारण महंगाई निरन्तर बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा नियमन दरों को 25 से 40 प्रतिशत तक बढ़ाये जाने से सरकार के हाऊसिंग प्रोजेक्ट्स पर भी विपरीत असर पड़ेगा।
पायलट ने कहा कि एक तरफ तो भाजपा सरकार दावा कर रही है कि 2022 तक सबके सिर पर छत उपलब्ध करवा दी जाएगी और दूसरी तरफ नियमन दर को महंगा कर आमजनता के अपने घर बनाने के सपने को तोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने महंगाई कम करने के नाम पर चुनाव लड़ा था परन्तु हर वस्तु को महंगा कर सरकार ने जनता के साथ वादाखिलाफी की है।
उन्होंने कहा कि सरकार मुनाफाखोरी की नीयत से जनता का शोषण कर रही है जबकि होना यह चाहिए कि सरकार गरीब व मध्यमवर्गीय जनता को केन्द्रबिन्दु में रखकर सभी योजनाओं को बनाती ताकि आमजनता को मूलभूत सुविधाएं न्यूनतम दरों पर मिल सके। उन्होंने कहा कि सरकार बढ़ी हुई नियमन दरों को वापस लेकर आमजन को राहत प्रदान करें।
CJI को वकीलों की चिट्ठी पर मोदी ने कहा, डराना-धमकाना कांग्रेस की पुरानी संस्कृति
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक कश्मीर में नजरबंद
शराब घोटाला मामला: एक अप्रैल तक ईडी की हिरासत में केजरीवाल
Daily Horoscope