जयपुर।
आमतौर पर समाज औरतों की इच्छाओं को
दबाता रहता आया है। न वे किसी बोल्ड सब्जेक्ट पर खुलकर बात कर सकती हैं
और न ही जिंदगी अपने तरीके से जीने की उन्हें आजादी होती है। फ़िल्म
"लिपिस्टिक अंडर माय बुरका" समाज के इस नजरिए को बदलने में अहम भूमिका
निभाएगी क्योंकि इसमें महिलाओं से संबंधित बोल्ड सब्जेक्ट को कहानी के
माध्यम से दर्शकों तक पहुंचाने का प्रयास किया गया है। जयपुर में इस फिल्म के प्रमोशन के सिलसिले में आगे बॉलीवुड अभिनेता जगत सिंह सोलंकी का कहना है कि फ़िल्म
में उन्होंने रत्ना पाठक शाह के अपोज़िट जसपाल नाम के एक स्विमिंग कोच की
भूमिका निभाई है। मैं उनकी फैंटेसी का हिस्सा हूँ। रत्ना जी 50 साल की एक
विधवा बुआजी के रोल में हैं जो 20 साल की उम्र से ही यह दंश झेल रही है।
उन्हें मुझसे प्यार हो जाता है और अपनी शारीरिक इच्छाओ की पूर्ति के लिए
वे मेरा उपयोग करती हैं। समाज की इस पर होने वाली प्रतिक्रिया और उनके
प्रतिरोध पर ही यह फ़िल्म टिकी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
फ़िल्म
कहती है कि हमे कोई हक नही है कि हम महिलाओं पर पाबंदियां लगाए। प्यार
किसी भी उम्र में हो सकता है, किसी के साथ भी हो सकता है। हमे अब उन्हें
आजादी देनी चाहिए और उनकी जिंदगी जीने के तरीक़े उन्हें ही तय करने देने
होंगे।
मर्दों को औरतों को अपने मनमाने तरीके से प्रभावित करने की नीति छोड़नी होगी।
फ़िल्म
को लेकर सेंसर का जो दबाव फ़िल्म यूनिट पर रहा, वह जग जाहिर है। विदेशों
में हमे जबरदस्त समर्थन मिला, जबकि यहां सेंसर ने पाबंदियां लगाई। अब सरकार
और सेंसर थोड़ा झुके हैं एवं फ़िल्म रिलीज हो रही है। ये ही बदलाव है जो
हम समाज मे देखना चाहते हैं।
उन्होंने बताया कि लिपिस्टिक
से पहले उन्होंने बुद्धा सीरियल में सम्राट अशोक का किरदार निभाया है। अब
स्वयं के प्रोडक्शन की फ़िल्म पर काम चल रहा है। इस पारिवारिक फ़िल्म का
डायरेक्शन भी मैं ही करने जा रहा हूँ। अगले साल रिलीज होने वाली यह फ़िल्म
सितंबर में फ्लोर पर जाएगी।
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