जयपुर। प्रदेश में नवजात शिशुओं को विशेष उपचार सुविधाएं प्रदान करने व नवजात मृत्यु दर को कम करने के लिए जिलास्तरीय विशिष्ट कार्ययोजना बनाकर प्रभावी क्रियान्विति सुनिश्चित की जाएगी। प्रत्येक जिले में उपलब्ध संसाधनों एवं सामाजिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए विशेष कार्ययोजना बनाई जाएगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रमुख शासन सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य वीनू गुप्ता ने शुक्रवार को स्थानीय होटल वेस्टा में नवजात मृत्यु दर में कमी लाने हेतु कार्ययोजना विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए यह जानकारी दी। कार्यशाला में नवजात मृत्यु दर की दृष्टि से उच्च प्राथमिकता वाले उदयपुर, धौलपुर, करौली, जालोर, बाड़मेर, राजसमंद, सिरोही एवं सवाईमाधोपुर जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला आशा समन्वयक एवं जिला आईईसी समन्वयकों ने भाग लिया।
शासन सचिव एवं मिशन निदेशक एनएचएम नवीन जैन ने जिलों में नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए स्थापित विभिन्न इकाईयों के प्रभारी, पीएमओ, सीएमएचओ, आरसीएचओ एवं फील्ड स्तर पर कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों को आपसी सामन्जस्य स्थापित करते हुए पेशेंट सेंटर्ड (रोगी आधारित) होकर कार्य करने की आवश्यकता जताई। उन्होंने जिला स्तर पर नियमित रूप से समीक्षा बैठकें कर समस्याओं का स्थानीय स्तर पर समाधान करने पर विशेष बल दिया।
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